2022 विधानसभा चुनाव: डिबाई विधानसभा का सियासी हाल II 2012 वाला इतिहास दोहराने के लिए सपा तैयार !

  • 3 years ago
बुलंदशहर की डिबाई विधानसभा का सियासी हाल ?
देखिए क्या इस बार जनता करने वाली है कमाल ?
2012 वाला इतिहास दोहराने की फिराक में सपा !
बीजेपी मिशन रिपीट के लिए कर रही है कसरत !
कैसा है बीएसपी, कांग्रेस के बारे में सियासी माहौल ?
देखिए क्या कहते हैं आगामी चुनाव के समीकरण ?

आगामी विधानसभा चुनावी की सियासी दस्तक बुलंदशहर जिले की डिबाई विधानसभा पर भी महसूस हो रही है…सियासी पार्टियां यहां पर कोरोना के चलते भले ही खुलकर मैदान में न हो लेकिन सियासी जोड़तोड़ का काम लगातार जारी है…ऐसे में आइए जानने की कोशिश करते हैं कि डिबाई के सियासी समीकरण क्या कहते हैं लेकिन पहले 2002 से लेकर 2017 तक हुए विधानसभा चुनावों का इतिहास जान लेते हैं कि कौन से दल का यहां दबदबा देखने को मिला है…

2002 से लेकर अब तक डिबाई सीट पर हर बार नए दल को मौका मिला
2002 में डिबाई सीट पर RTKP के उम्मीदवार ने जीत दर्ज की थी
2002 में दूसरे नंबर पर बीएसपी के उम्मीदवार रहे थे
तीसरे नंबर पर बीजेपी और चौथे नंबर पर सपा उम्मीदवार थे
2007 विधानसभा चुनाव में बीएसपी ने जीत दर्ज की
और बीजेपी तीसरे नंबर से उठकर दूसरे नंबर पर आ गई
2007 में तीसरे नंबर पर कांग्रेस पार्टी का उम्मीदवार रहा था
और समाजवादी पार्टी 2007 में भी चौथे नंबर पर काबिज रही
2012 में सपा की लहर का असर डिबाई में देखने को मिला
2007 में बीएसपी से जीतने वाले उम्मीदवार सपा के साथ दिखे
और 2012 में सपा ने डिबाई सीट पर जीत हासिल कर खाता खोला
दूसरे नंबर पर JAKP और तीसरे नंबर पर बीएसपी रही
निर्दलीय उम्मीदवार चौथे स्थान पर रहे और बीजेपी रेस से बाहर दिखी
2017 में मुख्य मुकाबला सपा और बीजेपी के बीच देखने को मिला
लेकिन 2017 में जीत बीजेपी के उम्मीदवार ने हासिल की
डिबाई सीट बुलंदशहर जिले की अहम सीट है…मतदाताओं में मुस्लिम फैक्टर काफी अहम होता है…लेकिन मतदाताओं ने अब तक किसी भी पार्टी के उम्मीदवार को लगातार जीताने की जहमत नहीं उठाई…ऐसे में आइए जानते हैं कि 2022 में किसके पक्ष में माहौल देखने को मिल रहा है…

कोरोना की बदहाली बीजेपी के लिए परेशानी बन रही है
हालात भले ही अब संभलते से दिख रहे हो लेकिन लोग नाराज हैं
किसानों के मुद्दे पर भी ग्रामीण क्षेत्र के वोटर सरकार से खफा है
कोरोना काल में बढ़ी बेतहाशा महंगाई भी नाराजगी का एक कारण है
स्थानीय लोग योगी से शुरुआत में जितने खुश थे अब उतने ही नाराज हैं
बेरोजगारी, कानून व्यवस्था और सरकारी शिक्षा भी अहम मुद्दा है
बीजेपी से नाराजगी सपा के लिए संजीवनी बनती दिख रही है
बीएसपी और कांग्रेस यहां पहले ही की तरह कमजोरी का शिकार हैं

डिबाई सीट पर बीएसपी की दाल अब गलती नहीं दिख रही और कमोबेस कांग्रेस का भी यही हाल है…बीजेपी और सपा में मुख्य मुकाबले देखने को मिलेगा लेकिन जीत के लिए दोनों ही दल दम भर रहे हैं ऐसे में देखना होगा कि 2022 में कौन सा दल डिबाई की जनता का दिल जीतेगा…ब्यूरो रिपोर्ट

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