'रामनामी चादर' मामले में नया मोड़ II वीडियो बनाने वाले के खिलाफ बनी जांच कमेटी

  • 3 years ago
योगी राज में पहले चोरी फिर सीना जोरी
प्रशासन की खुली पोल तो भड़क गए निर्लज्ज अधिकारी
‘रामनामी चादर’ हटाने के मामले में नया मोड़
वीडियो को वायरल करने वाले के खिलाफ होगी जांच
प्रशासन ने करतूत उजागर करने वाले के खिलाफ बनाई कमेटी
मामले पर एक बार फिर सियासी तूल पकड़ने के आसार
जांच कमेटी को जल्द आरोपी को ढूढने का दिया आदेश

संगम नगरी प्रयाग के श्रृंगवेरपुर घाट से रामनामी चादर हटाए जाने के मामले में उम्मीद थी कि प्रशासन इससे सबक लेगा और गलती को स्वीकार किया जाएगा…लेकिन हालात एक दम अलग देखने को मिल रहे हैं…योगी राज में अधिकारियों के हौसले इस कदर बुलंद हैं कि वो पहले चोरी करते हैं फिर सीनाजोरी भी करते हैं…अब रामनामी चादर हटाने के मामले में प्रशासन की करतूत जिसने उजागर कि और जिसने सनातनी परंपरा का अपमान करने वालों को समाज के सामने पेश किया अब उसी शख्स के खिलाफ कथित रामराज में जांच कमेटी बिठाकर गिरफ्तारी की तैयारी की जा रही है…और जब से प्रयागराज के प्रशासन ने मामले पर जांच कमेटी बनाई है तब से सियासी बवाल एक बार फिर देखने को मिल रहा है…आपको बता दें कि संगम नगरी प्रयाग के श्रृंगवेरपुर घाट पर कोराना काल में दफनाए गए शवों से चुनरी, रामनामी दुपट्टे और लकड़ियों के हटाए जाने के मामले के तूल पकड़ने के बाद डीएम प्रयागराज ने दो सदस्यीय जांच बैठा दी है…जिला प्रशासन ने मामले को गंभीर और संवेदनशील बताते हुए पूरे मामले में जांच के आदेश दिए हैं…डीएम भानुचंद्र गोस्वामी और एसएसपी सर्वश्रेष्ठ त्रिपाठी ने संयुक्त रूप से आदेश जारी कर एडीएम प्रशासन और एसपी गंगापार को मामले की जांच सौंपी है…जांच कमेटी ने बुधवार से अपना काम भी शुरू कर दिया है…डीएम और एसएसपी की ओर से सौंपी गई जांच में अधिकारी ये पता लगाएंगे किसने कब्रों से चुनरी और रामनामी दुपट्टे हटाते हुए वीडियो बनाकर वायरल किया है और वीडियो बनाने के पीछे असल मंशा क्या थी…दोनों जांच अधिकारी मौके पर जाकर विस्तृत जांच पड़ताल करेंगे…जांच रिपोर्ट आने के बाद दोषी पाए जाने वाले के खिलाफ विधिक कार्रवाई के भी निर्देश दिए गए हैं…आपको बता दें कि ऋंगवेरपुर घाट पर कोरोना काल में अप्रैल और मई में बड़ी संख्या में शव दफनाये गये थे…हालांकि अब ये तर्क दिया जा रहा है कि यहां पहले से ही शवों को दफनाने की परम्परा रही है, लेकिन कोरोना काल में बड़ी संख्या में शवों को दफनाने को लेकर विवादों में घिरे प्रशासन के इस जांच को लेकर भी कई गम्भीर सवाल खड़े हो रहे हैं…सवाल इस बात का भी है कि पहले शव दफनाए जाते थे तब उनके ऊपर से कभी रामनामी चादर तो नहीं नोंची जाती थी…तो फिर अभ नालायक और विवेकहीन अधिकारियों ने ऐसी करतूत क्यों कर डाली की अब न निगला जा रहा है और न उगला जा रहा है…और करतूत की तो की लेकिन उसको मानने के बजाय जांच कमेटी बनाकर अपने खिलाफ और विवाद पैदा करने वाले अधिकारी आखिर किसके आदेश पर काम कर रहे हैं…
चुनरी और रामनामी दुपट्ट हटाए जाने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था…स्थानीय लोगों की माने तो कोरोना काल में आर्थिक तंगी की वजह से ज्यादातर लोगों ने शवों को दफन किया है…इसके साथ ही लोग चुनरी या रामनामी दुपट्टे हटाने को भी गलत बता रहे हैं…वहीं इस पूरे मामले में बुधवार को प्रशासन की ओर से कोई अधिकारी श्रृंगवेरपुर नहीं पहुंचा…लेकिन मौके पर मौजूद हलका लेखपाल अनिल कुमार पटेल के मुताबिक श्रृंगवेरपुर में घाटों पर सफाई के लिए नगर पंचायत लालगोपाल गंज की टीमें लगायी गई हैं…कब्रों पर से चुनरी या रामनामी दुपट्टे किसने हटाये इसकी उन्हें कोई जानकारी नहीं है…

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