छिनने वाली है सीएम योगी की कुर्सी II बीजेपी-RSS ने मिलकर लिया बड़ा फैसला ?

  • 3 years ago
क्या यूपी में होने वाला है सियासी उलटफेर ?
क्या खतरे में है मुख्यमंत्री योगी की कुर्सी ?
क्या 2022 में योगी नहीं होंगे सीएम का चेहरा ?
मंत्रिमंडल में भी फेरबदल के मिल रहे हैं संकेत !
RSS और बीजेपी हाई कमान का प्लान है तैयार !
देखिए बीजेपी हाईकमान के फैसले की इनसाइड स्टोरी !

उत्तर प्रदेश में ठीक वैसे ही हालात देखने को मिल रहे हैं जैसे उत्तराखंड में 2 महीने पहले देखने को मिले थे…उत्तराखंड में हार के डर से बीजेपी ने सीएम परिवर्तन कर दिया…और अब ठीक इसी तरह के हालात उत्तर प्रदेश में देखने को मिल रहे हैं…पिछले दो दिनों से मैराथन मंथन का दौर चल रहा है ताकि हालातों को भांपा जा सके और जाना जा सके कि सत्ताधारी पार्टी कहां पर कमजोर है और कहां पर पार्टी गच्चा खा रही है…जिस तरह से बीजेपी आलाकमान और RSS के बीच मंथन चल रहा है उससे संकेत ये भी मिल रहे हैं कि उत्तर प्रदेश में भी सीएम योगी की कुर्सी खतरे में है और उनको कुर्सी से हटाया जा सकता है…हालांकि कई लोगों का मानना है कि सीएम बेहतर काम कर रहे हैं लेकिन बीजेपी कोरोना की दूसरी लहर में यूपी में
फैली बदइंतजामी और उसके बाद सोशल मीडिया पर निकला सरकार का जनाजा सीएम की कुर्सी के लिए खतरा बनता जा रहा है…साथ ही पार्टी के ही कई सांसदों और विधायकों का अपनी ही सरकार पर सवाल उठाना और दिल्ली के दरवार में पत्र लिखकर भेजना भी योगी आदित्यनाथ के लिए परेशानी का कारण बनता दिख रहा है…यूपी विधानसभा चुनावों में कुछ ही महीनों का वक्त बचा है ऐसे में बीजेपी सत्ता हाथ से जाने का रिस्क नहीं लेना चाहती और यही वजह है कि सरकार में बड़ा फेरबदल किया जा सकता है…विकास दुवे मामले के बाद जिस तरह से पंडितों का नाराजगी देखने को मिल रही है उसको दूर करने का प्रयास भी दिख रहा है…ऐसे में केशव प्रसाद मौर्य और अरविंद शर्मा का कद बढ़ाने का काम किया जा सकता है…दिल्ली में पीएम मोदी, गृहमंत्री अमित शाह, बीजेपी राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और संघ के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले के बीच हुई बैठक में कई अहम फैसले लिए गए…जिसमें सबसे बड़ा फैसला ये हैं कि कोरोना की अव्यवस्था से लोगों नें नाराजगी है और इस नाराजगी में नेता अगर लोगों से मिलने जाते हैं तो सिर्फ और सिर्फ संवेदना ही जताएंगे…अगर कोई उत्तेजक बात करता है तो उसका जवाब नहीं दिया जाएगा…इसके अलावा अब सेवाभाव पर ज्यादा जोर दिया जाएगा…कयास लगाए जा रहे हैं कि उत्तर प्रदेश में सीएम की कुर्सी को खतरा है क्योंकि जिस तरह से सरकार की तरफ से वीडियो वायरल होने के बाद काम किया उससे भी सरकार की छवि पर असर पड़ा साथ ही…पार्टी के ही अंदर से सीएम की कार्यशैली पर सवाल उठे…प्रशासनिक अधिकारियों पर सरकार की निर्भरता को लेकर भी सवाल उठते रहे…ऐसे में कहा जा रहा है कि सीएम की कुर्सी को खतरा है लेकिन अगर हकीकत देखी जाए तो सीएम योगी की कुर्सी को खतरा सिर्फ सोशल मीडिया पर ही दिखता है…सच्चाई दावों से परे हैं…भले ही पार्टी के सांसद और विधायक सीएम की कार्यशैली से नाराज हैं लेकिन जिस तरह से योगी आदित्यनाथ अन्य प्रदेशों के चुनाव प्रचार में स्टार प्रचारक बनते हैं उससे साफ है कि यूपी में बीजेपी उनको चुनाव से कुछ वक्त पहले कुर्सी से हटाकर अपने आपको विवादों में नहीं डालेगी…उत्तराखंड में सीएम को हटाना इसलिए जरूरी था कि वहां कैबिनेट के कई मंत्री ही सीएम से नाराज थे…हालांकि यूपी में स्थितियां ऐसी नहीं है उत्तर प्रदेश में कैबिनेट मंत्री सीएम के साथ दिख रहे हैं…बस कुछ एक विधायक सीएम के खिलाफ हल्ला बोल करते हैं जिनको साधने का काम किया जा रहा है…ऐ

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