World Thalassemia Day: Coronavirus की वजह से Thalassemia का ईलाज हुआ मुश्किल | वनइंडिया हिंदी

  • 3 years ago
World Thalassemia Day is observed on May 8 every year, to mark attention towards Thalassemia, a blood disorder characterized by abnormal formation of haemoglobin. In India, every year over 10,000 children are diagnosed with Thalassemia. Parents, who are usually asymptomatic, are the carriers of this disease and have a 25% chance of passing this disease to their children.Thalassemia patients are mostly children who go through painful blood transfusions for several years in their life.

आज पूरा विश्व कोरोना की मार से परेशान है, इस वायरस ने बेहद कम समय में करोड़ों लोगों को मौत के घाट उतार दिया, जहां कुछ सालों पहले तक तमाम विकसित और विकासशील राष्ट्र दावा करते थे की स्वास्थ्य के क्षेत्र में उन्होने बहुत तरक्की की लेकिन एक वायरस ने सारी पोल पट्टी खोल कर रख दी, एक वायरस ने बता दिया अभी भी हमें कई बिमारियों के बारें में पता नहीं है, आधुनिक युग के जीवन जीने के तरीकों से भी कई बिमारियों का जन्म हुआ है, और सबसे भयावह बात ये है की अभी भी लोगों को कुछ बीमारियों को लेकर जागरुकता की कमी है। ऐसी ही एक बीमारी है थैलेसीमिया, दुनियाभर में हर साल 8 मई को में वर्ल्ड थैलेसीमिया डे मनाया जाता है। थैलेसीमिया बच्चों को उनके माता-पिता से मिलने वाला आनुवांशिक रक्त रोग है, इस रोग की पहचान बच्चे में 3 महीने बाद ही हो पाती है।

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