सैफई में प्रधानी की सीट के लिए पहली बार होगा मतदान II मुलायम सिंह यादव की प्रतिष्ठा दांव पर लगी !

  • 3 years ago
पहली बार सैफई गांव में होगा प्रधानी का मतदान
लेकिन इस बार टूट जाएगी एक अनोखी परंपरा
नेताजी के गांव में भी दिख रहा प्रधानी जीतने का शोर
प्रचार-प्रसार और बैठकों का दौर लगातार जारी
देखिए आखिर इस बार क्यों होने वाला है मतदान ?
आखिर किस कारण से अब तक नहीं हुआ मतदान ?

पूरे उत्तर प्रदेश में सैफई इकलौता गांव हैं जिसका नाम बच्चा-बच्चा जानता है…सैफई और नेताजी मुलायम सिंह यादव की पहचान एक अलग आयाम बनाती है…एक बार फिर सैफई गांव चर्चा में है और इस बार चर्चा का कारण बना है प्रधानी का चुनाव…पहली बार ऐसा मौका है जब नेताजी के गांव सैफई में प्रधानी का मतदान होगा और एक पुरीना परंपरा की परिपाटी टूटती दिखाई दे रही हैं…सैफई में अब तक जो भी प्रधान चुना गया उसका सपा परिवार से खास नाता रहा और यही वजह रही कि जो भी प्रधान बना वो निर्विरोध चुना गया…लेकिन इस बार निर्विरोध प्रधानी के चुनाव की परंपरा टूटती दिखाई दे रही है क्योंकि यहां से इस बार दो उम्मीदवार मैदान में हैं…हालांकि जीत इस बार भी नेताजी के करीबियों में शामिल उम्मीदवार की ही तय मानी जा रही है लेकिन जो दूसरे उम्मीदवार ने ताल ठोकी है उससे निर्विरोध चुनाव की कहानी अब खत्म हो गई है…सैफई में दलित जाति का आरक्षण होने के बाद एकमत होकर के नेता जी के करीबी रामफल बाल्मीकि को मुलायम परिवार ने प्रधान पद के लिए तय कर दिया था…लेकिन एक अन्य महिला विनीता के नामांकन कर देने से सैफई में निर्विरोध निर्वाचन की परंपरा पर ब्रेक लग गया…अब 19 अप्रैल को इस सीट पर मतदान होगा…समाजवादी पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह यादव के बेहद करीबी मानें जाने वाले रामफल बाल्मीक को प्रधान बनाने के लिए पूरा सैफई गांव एकमत हो चला है…इस सिलसिले में एक महत्वपूर्ण बैठक मुलायम सिंह यादव के भाई राजपाल सिंह की अगुवाई सैफई में हुई…जिसमें बड़ी संख्या में गांव वालों ने हिस्सा लिया…सभी ने एकमत होकर तय किया कि सैफई के अगले प्रधान रामफल बाल्मिकी ही होंगे…मुलायम के भाई राजपाल सिंह यादव के बताया कि गांव और परिवार के सभी छोटे बड़ों ने तय किया है कि नेता जी के बेहद करीबी रामफल बाल्मीकी को इस बार प्रधान बनाना है…उन्होंने बताया कि 1972 से इस गांव में निविर्रोध निर्वाचन की पंरपरा कायम रही…उसी परपंरा को बरकरार रखा जाएगा…इससे पहले कभी भी सैफई गांव में प्रधान पद के लिए मतदान नहीं हुआ है…हमेशा से निर्विरोध प्रधान निर्वाचित होता रहा है…ये पहला मौका है जब सैफई गांव में प्रधान पद के लिए मतदान होने जा रहा है…पिछले साल 17 अक्टूबर को 1971 से लगातार प्रधान होते चले जा रहे दर्शन सिंह यादव का निधन हो गया था…रामफल भी दर्शन सिंह की तरह ही मुलायम सिंह यादव के बेहद करीबी रहे हैं…इसी तरह से रामप्रकाश दुबे का कहना है कि लोग 100 प्रतिशत जीत का दावा करते है…उन्होंने कहा कि रामफल के अलावा कोई दूसरा प्रधान नहीं बन पाएगा…सैफई गांव के ही दशरथ सिंह यादव कहते है कि रामफल बाल्मीकी उनके चाचा सामान है और उनको गांव का प्रधान बनाने के लिए सभी ने एक मत होकर तय कर लिया है…ब्यूरो रिपोर्ट

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