जाखलौन को नगर पंचायत का दर्जा दिलाने के लिए ग्रामीणों ने भरी हुंकार
  • 3 years ago
शासन द्वारा जैसे ही कई गांव और कस्बों को नगर पंचायत मैं तब्दील कर नगर पंचायत का दर्जा दिलाने की घोषणा की। वैसे ही कई ग्राम पंचायतों के ग्रामीण अपने क्षेत्र के विकास के लिए अपने गांव को नगर पंचायत का दर्जा दिलाने के लिए उठ खड़े हुए। ऐसे ही कस्बा जाखलौन के ग्रामीणों ने जाखलौन को नगर पंचायत का दर्जा दिलाने के लिए एक बार फिर हुंकार भरी और जाखलौन से सैकड़ों की तादाद में ग्रामीणों ने आकर जिला मुख्यालय डीएम कार्यालय पर एकजुट होकर प्रदर्शन कर नारेबाजी की एवं अपने कस्बे को नगर पंचायत का दर्जा दिलाने की जोर शोर से मांग उठाई। इसके साथ ही ग्रामीणों ने शासन प्रशासन पर कस्बे की अनदेखी करने का भी आरोप लगाया । ग्रामीणों का आरोप है कि करीब 13000 की आबादी वाले इस कस्बे में ना तो कोई सरकारी अस्पताल संचालित है और ना ही यहां के युवाओं को रोजगार दिलाने की दिशा में कोई कदम उठाया गया है। जबकि इस क्षेत्र से गए गुजरे क्षेत्रों का विकास हो चुका लेकिन कस्बा जाखलौन विकास से कोसों दूर है। कस्बा जाखलौन को नगर पंचायत का दर्जा दिलाने के लिए ग्रामीणों ने जिला अधिकारी के नाम एक ज्ञापन भी सौंपा । जिसमें बताया गया है कि कस्बा जाखलौन को जल्द से जल्द नगर पंचायत का दर्जा दिलाए जाने बाबत ठोस कदम उठाए जाएं ताकि क्षेत्र का विकास हो सके।
इस मामले में कस्बे जागरूक और प्रभावशाली व्यक्ति विजय विक्रम सिंह उर्फ नाती राजा ने बताया कि कस्बा जाखलौन मैं अभी तक विकास की किरण नहीं पहुंची है। ना तो यहां पर रोजगार की कोई व्यवस्था है और ना ही यहां पर कोई अस्पताल संचालित है जबकि इस कस्बे की आबादी करीब 13000 की है। यदि इस क्षेत्र में कोई भी बीमार हो जाता है तो उसे मुश्किलों के साथ जिला मुख्यालय का इलाज के लिए लाया जाता है और यदि इलाज मुहैया ना हो सके तो वह यूं ही दम तोड़ देता है। अस्पताल की मांग को लेकर जाखलौन वासियों ने कई बार पद यात्राएं की और जिला प्रशासन से लेकर मुख्यमंत्री स्तर पर कई बार ज्ञापन दिए गए लेकिन सरकार ने सभी प्रयासों को अनदेखा किया। रोजगार की तलाश में यहां के ग्रामीण फ्लाइंग करने के लिए मजबूर है जो कई महीना तक अपने घर वापस नहीं आ पाते । अब हम अपने कस्बे को नगर पंचायत का दर्जा दिलाना चाहते हैं जिससे हमारे क्षेत्र के विकास को पर लग सके। हम अपने कस्बे को नगर पंचायत का दर्जा दिलाने के लिए ललितपुर से लेकर लखनऊ तक पदयात्राएं भी करेंगे लेकिन अपनी तस्वीर को नगर पंचायत का दर्जा दिला कर ही रुकेंगे। जब तक हमारी तस्वीर को नगर पंचायत का दर्जा नहीं मिल जाता तब तक वह संघर्ष यूं ही चलता रहेगा।
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