अमन अपनी पत्नी और बाबूजी के साथ मुम्बई शहर की बांद्रा नामक स्थान में रहता था। अमन की माता जी का देहांत कुछ साल पहले ही हो गया था। अमन को घूमना फिरना ट्रैकिंग करना और खूब मस्ती करना बहुत पसंद है। इसी वजह से वो नई नई जगह जाना पसंद। एक बार की बात है उसने और उसके दोस्त रोहनी संग्रामगढ़ जाने का प्रोग्राम बनाया। रोहन तुम चलोगे न आ भाई मैं भला क्यों मना करने लगा। जहां मेरा दोस्त वह मैं ये बात सुनकर तो मजा आ गया। रात का समय था अमन अपनी पत्नी और बाबूजी के साथ डायनिंग टेबल पर खाना खा रहा था तभी अमन बोलता है बाबूजी मैं संग्रामगढ़ जाना जाता हूं।