संकटकाल के दिनों में फूल बने सहारा
  • 3 years ago
संकटकाल के दिनों में फूल बने सहारा
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कानपुर देहात-आर्थिक स्थितियों से संघर्षरत रहे किसान रंजन कुशवाहा के लिए गुलाब की खेती बन गई जवजीवन। हम बात कर रहे हैं कानपुर देहात के झींझक निवासी किसान रंजन कुशवाहा की। जिनके पास 3 बीघे खेत है। खेती कम होने के बावजूद वह दूसरों किसानों से अधिक आय कमा रहे हैं। कोरोना के संकटकाल में भी गुलाब ने उसके साथ साथ भी कई परिवारों को बड़ा सहारा दिया। 2016 में उन्होंने धान, गेहूं, चना आदि से हटकर कुछ बिस्वा में गुलाब के पौधे लगाए। गुलाब तोड़कर उन्होंने बाजार में बिक्री तो लागत से अधिक कमाई होने से उन्होंने गुलाब की खेती ही करने का ठान लिया। सीजन में प्रतिदिन 20 से 26 किलो गुलाब का फूल निकलता है। वर्तमान में 70- 80 रुपये प्रति किलो के हिसाब से बिक्री हो रही है। रोजाना करीब एक हजार से डेढ़ हजार की कमाई हो जाती है। पिछले एक साल से उन्होंने एक बीघे में गेंदा भी लगाना शुरू कर दिया उसकी आय अलग होती है। अच्छी कमाई होने से परिवार का रहन सहन भी अच्छा हो गया है। आज रंजन कई किसानों के लिए प्रेरणाश्रोत बने हुए हैं।
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