पुलिस ने फर्जी मुकदमे में गरीब दम्पत्ति को फंसाया

  • 3 years ago
पुलिस का काम है अपराध को खत्म करना वही पुलिस अगर निर्दोष को आरोपी बना दे तो क्या कहेंगे ऐसा ही एक मामला राजेपुर में सामने आया है जहां पर पुलिस को दस हजार रूपये ना मिले तो निर्दोष को आरोपी बनाकर चार्जसीट लगा दी।निर्दोष आदमी को फर्जी मुकदमे में पैसे न मिलने पर फसाया जा रहा है।
मामला यह कि थाना राजेपुर क्षेत्र के गांव शेराखार विवासी आरती पत्नी बलराम का अपने पड़ोसी से झगड़ा हो गया था।जिसकी शिकायत उसने थाने से लेकर उच्च अधिकारियों तक कि थी।जिससे आरोपी पक्ष जेल भी चले गए थे।उसके बाद उक्त लोगो ने अपनी पुत्र बधु बीना पत्नी वेदपाल द्वारा छेड़छाड़ का मुकदमा दर्ज करा दिया ।लेकिन जिस समय मेरे पति के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया।उस समय वह गैर जनपदों में मजदूरी का काम रहे थे।पुलिस को भी यह मुकदमा फर्जी साबित हुआ क्योंकि मोवाइल लोकेशन के साथ बलराम ने जिस जिस जिले में ठेकेदार के माध्यम से काम किया वहाँ के लोगो से हल्पनाम भी लगाए।लेकिन सिपाही श्याम सिंह द्वारा मेरे से दस हजार रुपये की मांग की तो हमने अपनी मजबूरी बताते हुए रुपये देने से इनकार कर दिया।जिस कारण पुलिस ने मेरे पति को आरोपी बनाकर उनके खिलाफ फर्जी मुकदमे में चार्जसीट कोर्ट में दाखिल कर दी है।जबकि मुकदमा दर्ज कराने वाली महिला बीना ने हलफनामा भी दिया कि ससुर व उनके भाइयो के कहने पर यह मुकदमा मैने दर्ज कराया था वह फर्जी है।फिर भी पुलिस के अधिकारियों से इसकी शिकायत दर्ज कराई गई।लेकिन स्थानीय पुलिस पैसे न मिलने के कारण मेरे पति को वेकसुर जेल भेजना चाहती है।मेरे पति आठ माह तक मेरठ से लेकर लखनऊ इलाहाबाद तक मजदूरी करते रहे तो फिर पुलिस कैसे आरोपी बनाकर कोर्ट में पेश कर सकती है।
निर्दोष होने के सबूतो में पुलिस द्वारा 4/03/2019 को दर्ज की गई।लखनऊ में मालिक द्वारा दिया गया हाजरी कार्ड और शपथ पत्र।साथ मे काम कर रहे मजदूरों के शपथ पत्र,मोबाइल की लोकेशन उस समय लखनऊ की थी।क्षेत्राधिकारी द्वारा दी गई जांच आख्या साथ ही वादनी बीना द्वारा दिया गया शपथ पत्र यह सभी सबूत मेरे पति को निर्दोष बताते है।लेकिन राजेपुर पुलिस उनको जेल भेजना चाहती है।

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