शादी समारोहों में जमकर उड़ाई जा रही कोविड-19 के नियम की धज्जियां
  • 3 years ago
जहां एक ओर कोरोनावायरस से फैलने वाले संक्रमण के कारण महामारी के संक्रमित मरीजों का दायरा लगातार बढ़ रहा है। स्वास्थ विभाग की रिपोर्ट के अनुसार इस महामारी से अब तक करीब 3200 से अधिक संक्रमित हो चुके है तो अब तक 46 काल के गाल में समा चुके हैं। तो वहीं दूसरी ओर जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन की कार्य शिथिलता के कारण जनपद में खुलेआम समारोह में कोविड-19 पालन करने की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। आलम यह है कि जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन कोर्ट नियमों का पालन करवाने में असमर्थ दिखाई दे रहा है जिसका नतीजा यह है कि शादी समारोह बारात और अन्य सार्वजनिक कार्यक्रमों में महामारी से बचाव हेतु शासन प्रशासन द्वारा दिए गए निर्देश मास्क धारण करना तथा सोशल डिस्टेंस के नियमों का पालन करना जैसी नियमों की धज्जियां उड़ाई जा रहे हैं। ऐसे सार्वजनिक समारोहों में ना तो लोग सोशल डिस्टेंस के नियम का पालन कर रहे हैं और ना ही अपने मुंह पर मास्क धारण कर रहे हैं । जिसका नतीजा यह हो रहा है की महामारी से संक्रमित होने वाले मरीजों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। स्वास्थ विभाग द्वारा दिए गए आंकड़ों पर यदि गौर करें तो जनपद में प्रति विश्वास विभाग की जांच के दौरान 10 से 20 संक्रमित मरीज निकलकर सामने आ रहे है। संक्रमित होने वाली मरीजों में अधिकतर शहरी और ग्रामीण क्षेत्र के हैं हालांकि इसकी चपेट में कई अधिकारी और कर्मचारी राजनेता तक आ चुके हैं।
लापरवाही का आलम तो यहां तक देखा गया है कि हाल ही में शहर के मोहल्ला आजादपुरा के एक शादी घर में आयोजित शादी समारोह के कार्यक्रम में बाहर से बार बालाएं भी बुलाई गई थी । जिन्होंने घंटों थिरककर डांस किया और शादी समारोह में शामिल होने वाले कई लोगों ने उनके साथ डांस पार्टी की। जिसमें ना तो कोई मॉस्क लगाए हुए था और सोशल डिस्टेंस पालन करने के नियमों की धज्जियां उड़ाई जा रही थी। यही आलम सड़कों पर निकलने वाली बारात में भी देखने को मिल रहा है जहां बैंड बाजों के साथ लो डांस पार्टी करते नजर आते हैं । यहां पर भी लोगों के द्वारा ना तो मुंह पर मास्क धारण किया जाता है और ना ही सोशल डिस्टेंस के नियम का पालन किया जाता है और जिसका नतीजा यह होता है कि महामारी से लोग संक्रमित हो जाते हैं। जानकारों की माने तो जिला प्रशासन द्वारा स्थानीय रूप से कोई ऐसी गाइडलाइन जारी नहीं की गई जिसका लोग पालन करें और जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन के अधिकारी कर्मचारी भी ऐसे कार्यक्रमों की ना तो मॉनिटरिंग करते है और ना ही कोविड नियमों का उलंघन करने बालों के खिलाफ अभी तक कोई कार्यवाही अमल में लाई गई । जबकि नियम है कि यदि कोई व्यक्ति मॉस्क धारणा नहीं करता और सोशल डिस्टेंस के नियमों की धज्जियां उड़ाता है तो उसके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर उसका चालान किया जाए ताकि अन्य लोग भी इससे सबक लें । लेकिन जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन के अधिकारी कर्मचारियों की लचर कार्यप्रणाली के चलते यह कुछ भी संभव नहीं हो पा रहा। बारातों और शादी समारोहों में तो लापरवाही का आलम यह है कि वहां बैंड बाजा वाले से लेकर काम कर रहे कर्मचारियों तक भी कोई व्यक्ति मस्त धारण किए हुए नजर नहीं आता। जबकि वहां पर खाना पीना भी चलता रहता है और लेवर वर्ग के लोग बिना मॉस्क के काम करते रहते है।
Recommended