कार्तिक माह के अंतिम दिन तालाब पर उड़ी सोशल डिस्टेंस की धज्जियां
  • 3 years ago
शहर की ऐतिहासिक तालाब पर पूजन अर्चन के लिए एक साथ दो से तीन हजार महिलाओं की भीड़ उमड़ पड़ी जिसे काबू कर पाना जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन के लिए चुनौती बन गया । इस भीड़ में ना तो सोशल डिस्टेंसिंग का पालन हो रहा था और ना ही अधिकतर महिलाओं के मुंह पर मास्क था जो कोविड-19 के लिए जारी गाइड लाइन की खुलेआम धज्जियां उड़ाने के लिए काफी है। हालांकि कार्तिक पूर्णिमा पर्व को लेकर जिला प्रशासन द्वारा पर्याप्त तैयारियां पूर्ण नहीं की गई थी जिस कारण यह स्थिति बनी।
गौरतलब है कि हिंदू धर्म मान्यता के अनुसार कार्तिक माह महिलाओं के लिए धार्मिक आस्था का प्रतीक है । इस माह में हिंदू महिलाएं एक साथ मिलजुल कर पूरे महीने भर यह पर्व मनाते हैं और महीने के आखिरी दिन कार्तिक पूर्णिमा पर तालाब नदी या किसी जलाशय के किनारे पूरी आस्था श्रद्धा भक्ति भाव के साथ पूजा अर्चना कर व्रत का समापन करती हैं। इसी सिलसिले में कार्तिक माह के अंतिम दिन पूर्णिमा पर नगर के ऐतिहासिक सुम्मेर तालाब महिलाओं की भीड़ बड़ी संख्या में उमड़ा पड़ी। जिसमें कोरोना महामारी के नियमों का खुलेआम धज्जियां उड़ती दिखाई दी। इससे बड़ी बात यह है कि इस पर्व की आखिरी दिन नगर पालिका प्रशासन जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन द्वारा किसी भी तरह की कोई पर्याप्त व्यवस्था नहीं की गई थी । हां पुलिस प्रशासन द्वारा महज दो चार पुलिसकर्मियों के भरोसे करीब 2 से 3 हजार महिलाओं की भीड़ यूं ही छोड़ दी गई थी।
ललितपुर शहर के बीचों बीच स्थित ऐतिहासिक सुम्मेर तालाब पर कार्तिक माह के अंतिम दिन पूर्णिमा पर पर्व के उद्यापन के लिए करीब 2 से 3 हजार महिलाओं की भीड़ उमड़ी। जहां महिलाओं ने पूरे धार्मिक रीति रिवाज से कार्तिक माह का समापन्न किया। समापन के इस मौके पर महिलाएं सुबह 5:00 बजे से तालाब पर एकत्रित होना शुरू हो गई थी। लेकिन कार्तिक माह के इस पर्व के अंतिम दिन जिला प्रशासन और नगर पालिका परिषद द्वारा किसी भी तरह की कोई तैयारी नहीं की गई और ना ही उमड़ती भीड़ को रोकने के लिए प्रशासनिक अधिकारी कर्मचारी नगर पालिका अधिकारी कर्मचारी वहां पर नजर आए । हां सुरक्षा की दृष्टि के लिए चंद पुलिसकर्मियों की ड्यूटी जरूर लगाई गई थी जो उमड़ती भीड़ को देखकर अपने आप को बेबस महसूस कर रहे थे। उमड़ती भीड़ में ना तो सोशल डिस्टेंसिंग का पालन हो रहा था और ना ही करीब 90 प्रतिसत महिलाओं के मुंह पर मॉस्क लगा हुआ था। जबकि महिलाएं भीड़ के रूप में पूजन अर्चन कर नाच गा रही थी जो कोरोना महामारी के नियमों का खुला उल्लंघन है। जबकि शासन प्रशासन द्वारा लगातार महामारी के प्रति आम जनमानस को जागरूक किया जा रहा है और मॉस्क धारण कर सोशल डिस्टेंस के नियम का पालन करने की नसीहत दी जा रही है। सुम्मेर तालाब पर महिलाओं ने कोरोनावायरस से फैलने वाले संक्रमण और शासन प्रशासन की गाइडलाइन को चुनौती पेश की है।
हालांकि जब इस मामले में प्रशासनिक अधिकारियों से सम्पर्क किया गया तो उन्होंने मामले की जांच कराने की बात कही गई है।
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