होम्योपैथ, आयुर्वेद और यूनानी दवाइयों पर बढ़ा भरोसा

  • 3 years ago
जयपुर। कोरोना महामारी ने राज्य या देश की ही नहीं पूरे विश्व की चिकित्सा सेवाओं पर असर डाला है। राज्य की बात करें तो यहां पर बढ़ते कोरोना संक्रमण ने लोगों में अस्पताल जाने को लेकर डर बढ़ा दिया है। एलौपैथ डॉक्टर के पास जाने या उनसे दवाइयां लेने से लोग कतराने लगे हैं। कोरोना संक्रमण के खतरे को देखते हुए लोगों ने अब एक बार फिर प्राचीन चिकित्सा पद्धतियों की ओर रुख किया है। आयुर्वेद, यूनानी और होम्योपैथ डॉक्टर और दवाईयों की सुविधा के बाद भी गिने—चुने लोग ही इन पद्धतियों से इलाज लेते थे, लेकिन अब एलोपैथ का उपचार लेने वाले मरीज इन पद्धतियों से इलाज लेने लगे हैं। इन तीनों पद्धतियों में पहले की तुलना में 25 से 30 फीसदी ज्यादा मरीजों ने अपनी रूचि दिखाई है। इसका बड़ा कारण यही है कि कोरोना संक्रमितों की बढ़ती संख्या से सरकारी अस्पतालों पर भार बढ़ा और अन्य बीमारियों से ग्रसित मरीजों को वहां संक्रमण का खतरा दिखाई देने लगा। इस कारण से वे दूसरे विकल्पों की ओर जाने लगे हैं।

इम्युनिटी को लेकर भी विश्वास बढ़ा
एक बड़ा कारण यह भी है कि कोरोना महामारी को लेकर अब तक कोई अलग दवा ईजाद नहीं हुई है और ना ही इसका कोई टीका है। इसके लिए मरीज फिलहाल इम्युनिटी पर निर्भर हैं। इसलिए लोग इम्युनिटी बढ़ाने के लिए पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियों की ओर लौटे हैं। कोरोना काल में आयुर्वेद और आयर्वेद प्रेक्टिशनर्स की बड़ी भूमिका रही है। इम्युनिटी बूस्ट करने के लिए भी लोग आयुर्वेद प्रेक्टिशनर्स के पास बड़ी संख्या में आ रहे हैं। वहीं वरिष्ठ आयुर्वेद चिकित्सा अधिकारी डॉ. कल्पना वर्मा कहती हैं कि अन्य रोगों के इलाज के लिए भी लोगों का भरोसा आयुर्वेद पर बढ़ा है।

होम्योपैथ के लिए लम्बी कतारें
होम्योपैथ चिकित्सा अधिकारी डॉ. लेखराम का कहना है कि पहले सिर्फ पथरी या जुकाम के लिए मरीज होम्योपैथ का सहारा लेते थे। इनकी संख्या भी ज्यादा नहीं होती थी। अब सामान्य बीमारियों के साथ किडनी, माइग्रेन, गायनी समस्याओं के लिए भी लोग होम्योपैथ दवाइयां लेने लगे हैं। ऐसे नए मरीजों में बढ़ोतरी हुई है, जो पहले एलोपैथ की दवाइयां लेते थे और अब होम्योपैथ दवाइयों के लिए कतार में खड़े होने लगे हैं।

यूनानी में हर मर्ज की दवा
यूनानी प्रेक्टिशनर्स कहते हैं कि पहले दिन में कुछेक मरीज ही आते थे, जिन्हें यूनानी में इलाज की जानकारी थी। अब सामान्य और गंभीर हर बीमारी के मरीज यूनानी यूनिट में पहुंचने लगे हैं। यूनानी में हर बीमारी की दवा उपलब्ध है।

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