पिता के हत्यारों की गिरफ्तारी के लिए ग्रामीणों ने किया प्रदर्शन
  • 3 years ago
पिता के हत्यारों की जल्द गिरफ्तारी की मांग को लेकर पुत्र के साथ अन्य ग्रामीणों ने जिला मुख्यालय के घंटाघर पर जमकर धरना प्रदर्शन कर पुलिस के खिलाफ नारेबाजी की। धरना प्रदर्शन की सूचना पर आला अधिकारियों के पहुंचने पर ग्रामीणों को समझाने के बाद जल्द गिरफ्तारी के आश्वासन पर ग्रामीणों ने धरना प्रदर्शन समाप्त किया। सूदखोरी से जुड़ा ताजा मामला थाना जाखलौन के अंतर्गत ग्राम आलापुर की है। घटना के सम्बंध में बताया गया है कि सूदखोरों के चुंगल में फंसे आलापुर निवासी वृद्व 65 वर्षीय किसान नत्थू लोधी का शव बीना रेल मार्ग पर जीरोंन रेलवे स्टेशन के निकट रेल पटरियों पर मिलने से हड़कम्प मच गया । बताया गया है कि किसान अपने घर से फिर पर जाने की कहकर निकला था और उसके बाद जब वह घर वापस नहीं लौटा तब उसकी खोजबीन की गई तो उसका शव रेल की पटरियों के किनारे क्षत-विक्षत हालत में मिला। जिसके बाद मृतक के पुत्र और अन्य परिजनों ने गांव के ही कुछ सूदखोरों पर सूदखोरी के उत्पीड़न के चलते उसकी हत्या कर शव को पटरी पर फेंकने का आरोप लगाया। घटना की सूचना के बाद पुलिस महकमे के आला अधिकारियों ने घटनास्थल का भी दौरा किया था जिसके बाद मामले को पुत्र की तहरीर पर आरोपी पडौरिया निवासी धरम कुर्मी और परसू कुर्मी सहित 4 पर मामला 302, 201 धाराओं में दर्ज कर लिया था। लेकिन पुलिस की साठगांठ के चलते आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं हो सकी थी। आरोपियों की तत्काल गिरफ्तारी के लिए मृतक के पुत्र के साथ ग्रामीणों ने जमकर धरना प्रदर्शन किया और पुलिस के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की। आरोपियों की जल्द गिरफ्तारी के आश्वासन पर ग्रामीणों ने धरना प्रदर्शन समाप्त किया।
इस मामले में मृतक के पुत्र का कहना है कि पुलिस ने मामले को हत्या में तो दर्ज कर लिया था लेकिन सांठगांठ के चलते आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं की गई थी जिससे उसे डर है कि आरोपी उसे उसकी भी हत्या न कर दें। अपने पिता के हत्या में आरोपी सभी लोगों की गिरफ्तारी के लिए वह ग्रामीणों के साथ पुलिस के खिलाफ धरना प्रदर्शन कर रहा है और जब तक गिरफ्तारी नहीं हो जाती वह अपनी आवाज बुलंद करता रहेगा।
यह भी बताया गया है कि मृतक वृद्व 65 वर्षीय नत्थू लोधी ने अपना खेत गांव के पास पडौरिया निवासी धरम कुर्मी और परसू कुर्मी के पास सन 1995 में महज 9000 रुपयों में इसलिए गिरवी रखा था कि उसे पैसों की जरूरत थी । जिसके बाद उसने गांव की पंचायत में 9 हजार के एवज में तय की गई धनराशि 55000 रुपये सूदखोरों को लौटा दिए । इसके बाद भी उन्होंने उसका खेत बात नहीं किया और उक्त सूदखोरों के पुत्रों द्वारा खेत बापस करने के एवज में 4 लाख रुपयों की मोटी रकम की अवैध रूप से मांग की गई। जिसको लेकर वह हमेशा परेशान रहता था।
मृतक के पुत्र कृपाल का आरोप है कि इसके संबंध में पहले जिलाधिकारी को एक शिकायती पत्र भी दिया गया गया था जिस पर कोई गौर नहीं हुई। और इसी सूदखोरी के उत्पीड़न के चलते उसके पिता को खेत पर जाते समय अपहरण कर उसकी हत्या कर दी और शव रेल पटरियों पर फेंक दिया जिससे वह आत्महत्या साबित हो।
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