१२ अक्टूबर २०२०, में मुंबई में आने वाली ४ बिजली की लाइन्स बंद हो चुकी थी! मुंबई में बिलकुल बिजली नहीं थी ! मुंबई जैसा शहर रुक गया था,थम गया था ! हॉस्पिटल में वेंटिलेटर्स नहीं चल रहे थे, ऑनलाइन स्कूल बंद थे! ट्रेंस बंद हो चुकी थी, मुंबई जैसे रुक सा गया था ! यह क्यों हुआ हमारे साथ ? यह इसलिए हुआ क्योंकि हमारे ट्रांसफार्मर मैन्युफैक्चरर काम गुणवत्ता (Low Quality) इंसुलेशन मटेरियल का उपयोग करते है ! जिसके कारण ट्रांसफार्मर फ़ैल हो जाते है ,जल जाते है, शार्ट हो जाते है ! आपको जान के आश्चर्य होगा की, एक ट्रांसफार्मर में जितना रॉ-मटेरियल लगता है ! उसका खर्च काफी काम होता है! उससे अधिक खर्च तो उसके उत्पादन स्थान (production place) से इंस्टालेशन स्थान का होता है! अगर हम आँकड़े की बात करे, तो मुंबई में २५८ करोड़ रुपया का नुक्सान होता है ! ट्रांसफार्मर बंद होने के कारण ! क्या यह नुक्सान हम सेह सकते है ,क्या हमारा राज्य सेह सकता है ,क्या देश सेह सकता है? क्या हमे ट्रांसफार्मर मैन्युफैक्चरर को याद दिलाने की जरूरत है, की वह हमारे ज़िंदगी में कितनी बड़ी भूमिका निभाते है? वह अगर कुछ पैसे बचने के लिए लौ क्वालिटी मटेरियल का उपयोग बंद कर दे, और अच्छी क्वालिटी का इंसुलेशन मटेरियल उपयोग करे ! तो इस तरह के फेलियर काफी काम हो जायेंगे ! क्या हम बिजली विभाग से विनती कर सकते है, की वह अच्छी सत्र के मटेरियल का उपयोग करे और उच्च सत्र का ट्रांसफार्मर बनाना शुरू करे ! अमेरिका, यूरोप और अन्य देशों में बहुत अच्छे क्वालिटी के ट्रांसफार्मर्स का उपयोग होते है ! जो बरसों तक चलते है, बिना कोई परेशानी के ! क्योंकि वह अच्छे मटेरियल का उपयोग करते है ! क्या हमे मेक इन इंडिया या मेड इन इंडिया की अच्छी छवि बरक़रार नहीं रखनी चाहिए ? क्या हम मिल के यह कर सकते है ? हां, बिलकुल कर सकते है ! यह सारे रॉ- मटेरियल इंडिया में उपलब्ध हैं! यह सारी टेक्नोलॉजी इंडिया में भी उपलब्ध हैं ! कोई भी मैन्युफैक्चरर इन्हे बना सकता है ! हमारे पास भी रॉ-मैटेरियल्स होते है, जो हम ट्रांसफार्मर मैन्युफैक्चरर को सप्लाई करते है !