26 से शुरू होगा शुद्ध के लिए युद्ध का अगला चरण
  • 4 years ago
जयपुर। इस त्योहारी सीजन में खाद्य एंव नागरिक आपूर्ति विभाग और चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग का शुद्ध के लिए युद्ध का अभियान जारी है। अगला चरण 26 अक्टूबर से शुरू होने जा रहा है। इस अभियान से आमजन जोड़ने के लिए इस बार मिलावटखोरों की सूचना देने वाले लोगों को 51 हजार रुपए का इनाम भी दिया जाएगा। देखिए रिपोर्ट यदि सूचना सही पाई जाती है, तभी यह 51 हजार की राशि दी जाएगी। अभियान के अंतर्गत दूध, मावा, पनीर, दूध उत्पाद, आटा, बेसन, खाद्य तेल, घी, सूखे मेवे, मसालों की जांच की जाएगी। अभियान की अवधि में एडल्टरेशन, अनसेफ में संलिप्त मिलावटखोरों के विरुद्ध प्रभावी कार्रवाई सुनिश्चित करने के लिए सूचना देने वाले को इनाम देने की योजना बनाई गई है। अब इस अभियान का प्रचार-प्रसार किया जाएगा, जिससे आम लोग जागरूक रहें और शुद्ध के लिए युद्ध अभियान में अपना भी योगदान दे सकें।

बनाए गए कोर ग्रुप
वहीं इस अभियान के प्रभावी क्रियान्वयन, सुचारू संचालन, प्रबंधन और प्रबोधन के लिए एक कोर ग्रुप का गठन किया है। इस कोर ग्रुप में गृह विभाग के प्रमुख शासन सचिव, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग के शासन सचिव और पशुपालन एवं डेयरी विभाग के शासन सचिव शामिल होंगे, जबकि चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग समन्वयक की भूमिका निभाएगा। चिकित्सा विभाग ही इस ग्रुप का प्रशासनिक विभाग भी होगा।
मुख्य सचिव राजीव स्वरूप की ओर से जारी निर्देश के अनुसार यह कोर ग्रुप जिला स्तरीय प्रबंधन समितियों एवं जिला कलेक्टर को रिपोर्ट करेंगे। अभियान की अवधि में खाद्य पदार्थों में मिलावट करने वाले थोक और खुदरा व्यापारियों के विरूद्ध सख्त कार्रवाई मौके पर ही सुनिश्चित की जाएगी।

समिति का गठन भी होगा
निर्देशों के अनुसार कोर ग्रुप की ओर से एक जिला स्तरीय प्रबंधन समिति का गठन किया जाएगा, जिसमें कलक्टर-अध्यक्ष, जिला पुलिस अधीक्षक, मुख्य चिकित्सा अधिकारी, जिला रसद अधिकारी, प्रबंध निदेशक जिला डेयरी सदस्य होंगे। इसके साथ ही उप विधि परामर्शी, सहायक विधि परामर्शी और अतिरिक्त जिला कलेक्टर या समकक्ष अधिकारी संयोजक होंगे। कमेटी की ओर से जिले के ऐसे खाद्य पदार्थ उत्पादक बड़े थोक विक्रेता एवं खुदरा विक्रेता चिन्हित किए जाएंगे, जहां मिलावट की संभावना अधिक है। समिति की ओर से दैनिक आधार पर अभियान की समीक्षा कर जांच के लिए लिए गए सैंपल टेस्टिंग रिपोर्ट मौके पर नष्ट की गई सामग्री दर्ज, एफ आईआर एवं अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट क्रिमिनल कोर्ट में दर्ज किए गए प्रमाण पत्रों की समीक्षा की जाएगी।

यह होंगे जांच दल में
इसके लिए एक जांच दल बनाया जाएगा, जिसमें उपखंड अधिकारी, तहसीलदार, विकास अधिकारी व अन्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारी टीम लीडर व पुलिस उपाधीक्षक, पुलिस निरीक्षक, खाद्य सुरक्षा अधिकारी, प्रवर्तन अधिकारी डेयरी का प्रतिनिधि सदस्य होंगे। दल की ओर से जिला कलेक्टर से निर्धारित संस्थाओं का निरीक्षण कर नमूने लिए जाएंगे और मौके पर ही कठोर कार्रवाई करते हुए पास की टेस्टिंग लैब में नमूनों की जांच करवा कर आवश्यक विधिक कार्रवाई भी सुनिश्चित करेंगे।
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