कोरोना वायरस के बीच गंदगी से अटा पड़ा शहर

  • 4 years ago
इस कोरोनो काल में संक्रमण को रोकने के लिए जहां सरकार लाखो करोड़ो रूपये पानी की तरफ बहा कर साफ सफाई व संक्रमण के लिए मास्क हैडवास शोसल डिस्टेंस व जगह जगह सेनिटाइज करवा कर जनता को इस संक्रमण से निजात दिलाने के लिए जागरूकता फैलाने का काम कर रही हैं। तो वही दूसरी तरफ जिला प्रशासन द्वारा शहर में ढो रहे खुले आम कूड़ा करकट वाले वाहन से फैल रहे प्रदूषण और संक्रमण को रोक ना पाने की दोहरे चरित्र वाली मानसिकता की बू आ रही है। इस रवैये से शहर के नागरिकों में रोष है।हम बात कर रहे हैं सुलतानपुर शहर में खुले आम ढो रहे कूड़ा करकट उठाने वाले वाहनों का ।

मानवाधिकार आयोग के सदस्य अभिषेक सिंह बोले

इस कोरोनो के संक्रमण के दौर में शहर में खुली गाड़ी से शहर के कूड़ा करकट ढोये जा रहे है जिससे संक्रमण और बढ़ने खतरा पैदा हो गया है । इस समस्या पर हमने जिलाधिकारी को पत्र लिखा है ।जिस पर जिलाधिकारी ने उस पत्र को अधिषासी अधिकारी नगरपालिका को भेजा है। और अधिषासी अधिकारी ने कहा है कि जल्द ही पोर्टल के माध्यम से बंद वाहन की खरीद कर कूड़ा करकट उसी वाहन से धुलाई की जाएगी । लेकिन आज तक इस पर कोई भी कार्यवाही नहीं हुई और धड़ल्ले से खुली गाड़ी से कूड़ा करकट ढोया जा रहा है। जब लोगों के तैयार होकर ऑफिस दुकान या कहीं भी जाने का समय होता है तोपालिका की कूड़ा गाड़ी जेसीबी के साथ निकलती है। लोगों के आवागमन के बीच जाम लगाते हुए कूड़े को ट्राली में भरा जाता है। न मुह में माष्क न वर्दी और न दस्ताने। लोगों को उड़ते हुए कूड़े के बीच भयानक दुर्गंध लेते हुए आवागमन करना पड़ता है। जो बड़ी समस्या है।

फ़ोटो में दिख रहा कैसे ढ़ोया जाता है कूड़ा

विभाग द्वारा कूड़ा निस्तारण किस प्रकार किया जाता है। भीड़ भाड़ वाली आधी सड़क कूड़े से ढकी रहती है। जब लोगों के तैयार होकर ऑफिस दुकान या कहीं भी जाने का समय होता है तो कूड़ा गाड़ी जेसीबी के साथ निकलती है। लोगों के आवागमन के बीच जाम लगाते हुए कूड़े को ट्राली में भरा जाता है। कूड़ा भरने वाले प्रिकॉशन नही लेते है। न मुह में माष्क न वर्दी और न दस्ताने। लोगों को उड़ते हुए कूड़े के बीच भयानक दुर्गंध लेते हुए आवागमन करना पड़ता है। उसके बाद ओवरलोड कूड़ा गाड़ी शहर के विभिन्न स्थानों पर दुर्गंध और कूड़ा विखेरते हुए स्वच्छ भारत अभियान को धरासायी कर रही है।


ये है कोरोना महामारी के दौरान प्रशासन की तैयारी

जैसे तैसे नियमों को ताक पर रखते हुए लोगों को कूड़े से निजात दिलाने के नाम पर गन्दगी फैलाते हुए सफाई व्यवस्था देना। उसके बाद इस नरकीय व्यवस्था को वेस्ट मैनेजमेंट का नाम दिया जाता है।
इस मामले पर जिलाधिकारी रवीश गुप्ता कहा कि प्रकरण गंभीर है लेकिन अधिषासी अधिकारी के ट्रांसफर के बाद नए अधिशासी अधिकारी के अभी तक ना आने से बन्द कूड़ा गाड़ी की खरीद समय पर नही हो पा रही हैं लेकिन जल्द ही खरीद करा कर इस समस्या से शहरवासियों को निज़ात मिल जाएगी ।
अब देखना है कि आश्वासन दे रहे नवागत जिलाधिकारी कब तक इस तरह कूड़े से नहाते रहने को मजबूर लोगो को और कितने दिन भयानक दुर्गंध झेलनी पड़ सकती है।यह बड़ा सवाल है।

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