राज्य में कोरोना जांच का दावा हर दिन 50 हजार का, जबकि हो रही 33 हजार
  • 4 years ago
जयपुर। राजस्थान में कोरोना संक्रमण रोकने का एकमात्र उपाय जांच बताने वाले चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के दावे झूठे साबित हो रहे हैं। विभाग की ओर से राज्य में हर दिन 50 हजार से ज्यादा जांच करने के दावे किए गए, जबकि अभी हर दिन अधिकतम 33 से 35 हजार ही कोरोना जांच हो रही है। और यह दावा खुद चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ. रघु शर्मा कर चुके हैं। पिछले महीने 26 अगस्त को एक बयान जारी कर डॉ. रघु शर्मा ने कहा था कि राज्य में प्रतिदिन कोरोना की जांच क्षमता 50 हजार है। उन्होंने यह भी कहा था कि कोरोना की जांचों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी की जा रही है। इसके लिए अमरीका से 2 कोबास-8800 मशीनें मंगवाने का ऑर्डर किया था। पहली मशीन अगस्त माह के अंत में और दूसरी मशीन अक्टूबर में पहुंच जाएंगी। इन मशीनों के बाद राज्य में 60 हजार से ज्यादा जांचें हो सकेंगी। अब सितंबर का महीना आधे से ज्यादा बीत चुका है, अब तक भी जांचें 50 हजार तक नहीं पहुंच सकी हैं। आज भी रोजाना 28 से 35 हजार लोगों की ही कोरोना जांच की जा रही है।

बीते सप्ताह का यह रहा हाल
पिछले एक सप्ताह के जांच के आंकड़ों पर नजर डालें तो चिकित्सा एवं स्वाथ्य मंत्री के दावे का सच सामने आ जाता है। सोमवार 14 सितंबर से रविवार 20 सितंबर तक हुई जांच की बात करें तो राज्य में कुल 1 लाख 84 हजार 494 कोरोना जांच हुई हैं। इस संख्या का औसत निकाला जाए तो यह 26 हजार ही होता है। यानी औसतन 26 हजार रोजाना की जांच हुई है। यह दावे से आधी ही संख्या है।

हर दिन 28 से 33 हजार ही हुई जांच
रविवार 20 सितंबर तक कुल 2856718 जांच
शनिवार 19 सितंबर तक कुल 2826262 जांच
शुक्रवार 18 सितंबर तक कुल 2795479 जांच
गुरुवार 17 सितंबर तक कुल 2767508 जांच
बुधवार 16 सितंबर तक कुल 2738444 जांच
मंगलवार 15 सितंबर तक कुल 2705303 जांच
सोमवार 14 सितंबर तक कुल 2672224 जांच


हर सीएचसी में नहीं दे पाए सुविधाएं
चिकित्सा मंत्री ने यह दावा भी किया था कि सभी विधानसभा क्षेत्रों में सभी सुविधाओं से युक्त एक सामुदायिक चिकित्सा केंद्र खोले जाएंगे। सीएचसी का चयन जन प्रतिनिधियों द्वारा किया जाएगा। इससे वहां के बाशिंदों को इलाज के लिए शहरों में नहीं आना पड़ेगा। इस घोषणा को 27 दिन बीत चुके, लेकिन अब तक कोविड केयर की सुविधाएं हर विधानसभा क्षेत्र तक नहीं पहुंच पाई हैं। जबकि एक वैश्विक महामारी त्वरित रणनीति और त्वरित एक्शन से ही काबू की जा सकती है। वहीं राज्य सरकार की ओर से अभी भी लम्बी घोषणाएं ही की जा रही हैं। धरातल पर कोरोना को काबू करने को लेकर कोई ठोस रणनीति यहां दिखाई नहीं देती।
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