स्कूल फीस मुद्दे को लेकर राजस्थान बंद कल

  • 4 years ago

अभिभावकों ने प्रदेशभर में बांटे 50 हजार पर्चे
.. संयुक्त अभिभावक समिति ने नो स्कूल नो फीस की मांग

फीस माफ किए जाने की मांग को लेकर सोमवार को संयुक्त अभिभावक समिति ने राजस्थान बन्द का आह्वान किया है। बंद को सफन बनाने के लिए समिति के बैनर तले रविवार को प्रदेश भर में अभिभावकों ने ५० हजार पर्चे बांटे। समिति के मीडिया प्रभारी अभिषेक जैन बिट्टू ने बताया कि प्रदेश के डेढ़ करोड़ से अधिक अभिभावक है, जो लगातार पिछले 5 महीनों से स्कूलों से गुहार लगा रहे हैं,केंद्र और राज्य सरकार से राहत की मांग कर रहे है लेकिन उनकी तकलीफ को सुनने वाला कोई नहीं है। अभिभावकों ने हताश और निराश होकर सोमवार को राजस्थान बन्द का आह्वान रखा है जिसको भरपूर समर्थन मिल रहा है। 450 से अधिक सामाजिक, व्यापारिक और दुकानदार संगठनों ने समर्थन का ऐलान किया है।
प्रवक्ता अरविंद अग्रवाल ने बताया कि रविवार को बन्द के समर्थन के लिए जयपुर सहित जोधपुर, भीलवाड़ा, चितौड़गढ़, अजमेर, किशनगढ़, फतेहपुर शेखावाटी, टोंक, झालावा, बगरू सहित अनेको जिलो में अभिभावकों के विभिन्न समूहों ने दुकान दर दुकान जाकर 50 हजार से भी अधिक पर्चे बांटे और अभिभावकों के समर्थन में बंद को सफल बनाने के लिए हाथ जोड़कर अपील की। जिसे सभी व्यापारियों और दुकानदारों ने पूर्ण समर्थन दिया। इस दौरान जौहरी बाजार जामा मस्जिद के इमाम ने भी सोमवार के बन्द में शामिल होने की घोषणा की।
प्रवक्ता मनोज शर्मा ने बताया कि रविवार को जयपुर शहर में दस दस की संख्या में महामंत्री मनीष विजयवर्गीय, कोषाध्यक्ष संजय गोयल, प्रवक्ता ईशान शर्मा, अरविंद अग्रवाल, मीडिया प्रभारी अभिषेक जैन बिट्टू, सदस्य प्रधान बगड़ा, सर्वेश मिश्रा, चन्द्र मोहन गुप्ता, हरिदत्त शर्मा, एडवोकेट अमित छंगाणी, अमृता सक्सेना, दौलत शर्मा के नेतृत्व में 10 टीमों का गठन किया गया और जौहरी बाजार, किशनपोल, चांदपोल, चौड़ा रास्ता, मालवीय नगर, जगतपुरा, मानसरोवर, सोडाला, मुरलीपुरा, झोटवाड़ा, रामगंज बाजार, त्रिपोलिया बाजार सहित विभिन्न बाजारों में व्यापारियों से संपर्क कर सोमवार को स्वेच्छिक बन्द करने का अनुरोध किया। अभिभावक समिति ने व्यापारियों को कहा कि यह स्कूलों को लेकर पहला मुद्दा है जिसको लेकर राजस्थान बन्द का आह्वान किया है, यह अभिभावकों के सम्मान की लड़ाई है, हम सभी को पूरी एकजुटता के साथ इस जंग को जीतना है।

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