छोटी काशी के मंदिरों में अष्टमी को मनाया जाएगा राधाष्टमी पर्व

  • 4 years ago

जयपुर। भाद्रपद मास शुक्ल पक्ष अष्टमी बुधवार को छोटी काशी के कृष्ण मंदिरों में राधा रानी का प्राकट्योत्सव बिना भक्तों की आवाजाही के बीच मनाया जाएगा। कोरोना संक्रमण के चलते भक्त घरों से ऑनलाइन दर्शन कर सकेंगे। इस दौरान मंदिरों को विशेष रोशनी और बांदरवाल से सजाया जाएगा। शहर आराध्य गोविंददेवजी मंदिर में मुख्य कार्यक्रम होगा। महंत अंजन कुमार गोस्वामी के सान्निध्य में सुबह 4.45 से 5 बजे तक तिथि पूजा और प्रियाजी का पंचामृत अभिषेक दर्शन होंगे। अभिषेक के दौरान पंडित वेद पाठ करेंगे। अभिषेक में 21 लीटर दूध, 11 किलो दही, 5 किलो बूरा, 1 किलो घी, 500 ग्राम शहद का उपयोग होगा। इस अवसर पर ठाकुरजी और प्रियाजी को विशेष भोग अर्पण होगा। सुबह 7.45 बजे धूप झांकी खुलने पर ठाकुर जी का अधिवास पूजन और 56 भोग झांकी के दर्शन होंगे। ठाकुरजी को नवीन पीली पोशाक तथा विशेष अलंकार धारण कराए जाएंगे। फ ूलों से विशेष शृंगार होगा। श्रृंगार आरती के बाद राधा रानी का जन्मोत्सव मनाया जाएगा। बधाईगान के साथ कपड़े, फ ल, टॉपी, खिलौने की उछाल पुजारियों के सान्निध्य में होगी। गोविंददेवजी मंदिर के अधीन राधा माधव, नटवरजी, कुंज बिहारीजी, गोपाल जी नागा, गोपालजी तालाब, मुरली मनोहरजी, गोपालजी रोपाड़ा में भी राधाष्टमी महोत्सव मनाया जाएगा।

फूलों से सजाया जाएगा सरस निकुंज

सुभाष चौक पानों का दरीबा स्थित सरस निकुंज में महंत अलबेली माधुरी शरण के सान्निध्य में राधा रानी के विविध लाड़ लड़ाए जाएंगे। प्रवक्ता प्रवीण बड़े भैया ने बताया कि फ ूलों से सरस निकुंज को सजाया जाएगा। सुबह ठाकुर राधासरस बिहारी जू सरकार का अभिषेक कर श्रृंगार आरती दर्शन होंगे। इसके बाद राधाकृपा कटाक्ष पाठ किए जाएंगे। रामगंज बाजार स्थित लाड़लीजी मंदिर, पुरानी बस्ती स्थित राधा गोपीनाथ, चौड़ा रास्ता स्थित राधा दामोदर, मदन बिहारी, चांदनी चौक स्थित आनंद कृष्ण बिहारी सहित विभिन्न कृष्ण मंदिरों में भी राधाष्टमी मनाई जाएगी।

ई-दर्शन की होगी सुविधा
जगतपुरा स्थित कृष्ण बलराम मंदिर में विशेष सजावट के साथ ही भक्तों के लिए ई-दर्शन की व्यवस्था की है। पंचामृत अभिषेक के साथ ही दिनभर कीर्तन का दौर चलेगा। हरे कृष्णा मूवमेंट जयपुर के उपाध्यक्ष सुव्यक्त सिंह ने बताया कि भक्तों से हरे कृष्णा महामंत्र का जाप
करने का आह्वान किया है। शाम को होने वाला पालकी उत्सव आकर्षण का केंद्र होगा।

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