देश में दल बदल विरोधी कानून लागू करना राजीव गांधी की एक दूरगामी सोच- भाटी
  • 4 years ago
राजीव गांधी स्टडी सर्किल जोधपुर चैप्टर की ओर से वेबीनार का आयोजन
उच्च शिक्षा मंत्री भंवरसिंह भाटी हुए शामिल
कहा, देश में दल बदल विरोधी कानून लागू करना राजीव गांधी की एक दूरगामी सोच
उच्च शिक्षा मंत्री भंवर सिंह भाटी का कहना है कि लोकतांत्रिक प्रक्रिया में राजनीतिक दलों की अहम भूमिका है और उनके द्वारा देश व राज्य की सरकारों का संचालन किया जाता है। देश की वर्तमान परिस्थितियों में दल बदल विरोधी कानून का महत्व और भी अधिक बढ़ जाता है क्योंकि धन बल, सत्ता बल और संवैधानिक एजेंसियों का डर दिखा कर राज्य सरकारें गिराने और बनाने का कार्य किया जा रहा है तथा जनादेश का खुलेआम अनादर हो रहा है। भारत रत्न स्वर्गीय राजीव गांधी जी की 76वीं जयंती के अवसर पर राजीव गांधी स्टडी सर्किल जोधपुर चैप्टर की ओर से आयोजित भारत रत्न स्वर्गीय राजीव गांधी, दल बदल विरोधी कानून और लोकतंत्र पर उभरते खतरे विषय पर आयोजित वेबनार में उनका कहना था कि राजीव गांधी के प्रधानमंत्री काल में सन 1985 में संविधान के 52 वें संशोधन द्वारा दल बदल विरोधी कानून लाया गया, जिसमें विधायकों एवं सांसदों को एक अयोग्य घोषित किए जाने के आधार, दल बदल अधिनियम के अपवाद, स्पीकर के अधिकार आदि मुख्य मुद्दे हैं। भाटी ने बताया कि राजीव गांधी ने देश में डिजिटल और दूरसंचार क्रांति, कंप्यूटरीकरण, पंचायती राज व स्थानीय निकायों के सुदृढ़ीकरण, युवाओं को मतदान का अधिकार, शिक्षा नीति 1986 लागू करने, देश के प्रत्येक जिले में शिक्षा के प्रचार और प्रसार के लिए जवाहर नवोदय विद्यालय खोलने जैसे उल्लेखनीय कार्य किए गए।
उच्च शिक्षा के क्षेत्र में किए गए कार्यों का उल्लेख
इस अवसर पर भाटी ने राज्य सरकार द्वारा उच्च शिक्षा के क्षेत्र में किए जा रहे कार्यों का उल्लेख करते हुए बताया कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नेतृत्व में पिछले डेढ़ साल में ऐतिहासिक कार्य किए गए हैं। इस अवधि में ग्रामीण एवं महिला शिक्षा के प्रचार.प्रसार के लिए राज्य में लगभग हर तहसील व ब्लॉक स्तर पर नवीन राजकीय महाविद्यालय, विषय व संकाय खोले गए हैं। स्व.वित्तपोषित और निजी महाविद्यालयों का अधिग्रहण किया गया है। कौशल व आजीविका विकास आधारित व्यावसायिक और तकनीकी शिक्षा पर बल दिया जा रहा है।
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