युवा नेताओं की चाहत कि राजनीति में भी स्वेच्छा से संन्यास लेने की परंपरा हो.देखिए यह कार्टून
  • 4 years ago
15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस के दिन भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी और बल्लेबाज सुरेश रैना ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास ले लिया. महेंद्र सिंह धोनी ने भारतीय क्रिकेट को जो योगदान दिया है वह अभूतपूर्व है वे भारतीय क्रिकेट को नई ऊंचाइयों तक ले गए. देश को तीन-तीन आईसीसी ट्रॉफी जिताने वाले वह इकलौते भारतीय कप्तान है. उन्होंने भारत को वनडे क्रिकेट वर्ल्ड कप, T20 वर्ल्ड कप और चैंपियंस ट्रॉफी अपनी कप्तानी में जीताई है. वहीं दूसरी ओर सुरेश रैना ने भी कई बार मुश्किल समय में मध्यम क्रम में शानदार बल्लेबाजी कर टीम को जीत तक पहुंचाया है. मैदान पर उनकी फील्डिंग तो देखते ही बनती थी. इन दोनों खिलाड़ियों को की कमी भारतीय क्रिकेट में महसूस की जाएगी इनके संन्यास लेने से नए खिलाड़ियों को मौका भी मिलेगा. राजनीति की बात की जाए तो वहां ऐसा नहीं है वहां नेता उम्रदराज हो जाने के बावजूद स्वेच्छा से पद नहीं छोड़ते. और ऐसा कुछ उदाहरण हमें मध्यप्रदेश में कमलनाथ और ज्योतिरादित्य सिंधिया तथा राजस्थान में अशोक गहलोत तथा सचिन पायलट के प्रकरणों में मिला.
निश्चित रूप से युवा नेता भी चाहते हैं कि बुजुर्ग नेता रिटायर हो तो उनका नंबर आए. देखिए कार्टून सुधाकर का कार्टून
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