बेसिक शिक्षा विभाग ने Google से किया करार

  • 4 years ago
सहारनपुर। गूगल अब सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों का लैंग्वेज टीचर बनेगा। परिषदीय स्कूल में पढ़ने वाले छात्र छात्राओं को गूगल अब हिंदी और अंग्रेजी बोलने का सलीका सिखाएगा।

यह सब बेसिक शिक्षा विभाग के मिशन प्रेरणा के तहत संभव होगा। इसके लिए बेसिक शिक्षा विभाग ने गूगल से एक समझौता किया है। समझौते के तहत ( रीड अलोंग एप्लीकेशन ) तैयार की गई है। इस एप्लीकेशन को पहले 'गूगल बोलो' के नाम से भी जाना जाता था। अब इसी एप्लीकेशन का नया रूप परिषदीय स्कूलों का लैंग्वेज टीचर बनने जा रहा है।

इस बारे में सहारनपुर के बेसिक शिक्षा अधिकारी रमेन्द्र कुमार ने बताया कि गूगल बोलो एप एक लर्निंग टूल है जिसे काफी पसंद किया जा रहा है। कोरोना संक्रमण के खतरे को देखते हुए परिषदीय स्कूलों के शिक्षक अभिभावकों और बच्चों को ऑनलाइन प्रशिक्षण दे रहे हैं। इस ऐप के बारे में भी उन्हें बताया जा रहा है। इस ऐप के जरिए अब बच्चे घर बैठे अंग्रेजी बोलना सीख सकेंगे और उनकी लैंग्वेज भी सुधरेगी। यह ऐप छात्र छात्राओं को हिंदी के साथ साथ अंग्रेजी बोलने का सही तरीका भी सिखाएगा।

इसके लिए मिशन प्रेरणा को प्रभावी तरीके से लागू किया जा रहा है और सभी शिक्षकों और शिक्षामित्रों को इसके लिए ऑनलाइन प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है।

ऑनलाइन प्रशिक्षण के तहत शिक्षा मित्रों और शिक्षकों को लक्ष्य दिया गया है कि वह अपने स्कूलों में जितने भी बच्चे पढ़ते हैं उन सभी के अभिभावकों से मिले। इनमे से जिनके पास स्मार्टफोन हैं उनके मोबाइल फोन में गूगल अलोंग ऐप को इंस्टॉल करवाएं और इस ऐप को चलाने का तरीका भी बताएं। उन्होंने यह भी बताया कि काफी अभिभावकों ने इस ऐप को डाउनलोड कर लिया है जो इसका इस्तेमाल कर रहे हैं और इसके रिजल्ट भी अच्छे आ रहे हैं।

6 से 11 साल के बच्चों को ध्यान में रखकर बनाया गया है एप
शिक्षा विभाग के अधिकारियों के अनुसार बेसिक शिक्षा विभाग ने इस ऐप को मूल रूप से 6 वर्ष से 11 वर्ष के छात्र छात्राओं को ध्यान में रखकर तैयार कराया है। इस ऐप का इस उम्र के छात्र-छात्राओं को खासा लाभ मिलेगा और उन्हें हिंदी के साथ-साथ अंग्रेजी सीखने में भी मदद मिलेगी। अंग्रेजी सीखने के साथ-साथ इस ऐप के जरिए बच्चे अंग्रेजी बोलना भी सीखेंगे।

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