लगातार बढ़ता जा रहा कोरोना का दायरा
  • 4 years ago

शिक्षकों ने की वर्क फ्रॉम की मांग
स्कूलों में कोरोना पॉजिटिव आ रहे शिक्षक
शिक्षा संकुल में भी एक अधिकारी पॉजिटिव
शिक्षकों ने की वर्क फ्रॉम होम की मांग

केस एक
राजधानी जयपुर स्थित राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय की अध्यापिका पिछले दिनों कोरोना पॉजिटिव पाई गई। अध्यापिका के कोरोना पॉजिटिव आने के बाद सीबीईओ महेंद्र गर्ग ने पूरे स्टाफ को कोरोना का टेस्ट करवाने के निर्देश दिए। इसके साथ ही शिक्षकों को वर्क फ्रॉम होम पर भेजते हुए खुद को आइसोलेट करवाने को कहा गया। साथ ही पूरे स्कूल को सेनेटाइज करवाया गया।
केस २
राजकीय प्राथमिक विद्यालय रामजीपुरा में पदस्थापित एक शिक्षिका की कोविड रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। इस संबंध में नेवटा सरपंच, स्थानीय राजकीय आयुर्वेद चिकित्सालय और थाना प्रभारी के साथ ही चिकित्सा अधिकारी को सूचना दी गई। जिसके बाद स्कूल को सेनेटाइज करने के निर्देश दिए गए साथ ही पूरे स्टाफ को भी कोरोना टेस्ट करवाने के लिए कहा गया।
यह कुछ एेसे केस हैं जो राजधानी और आसपास के सरकारी स्कूलों के हैं। जहां के शिक्षक लगातार कोरोना पॉजिटिव पाए जा रहे हैं। एेसे में विभाग इन स्कूलों को सेनेटाइज करवाने के साथ ही शिक्षकों को आइसोलेट होने की सलाह दे रहा है। जहां एक ओर सरकार अपना अधिकांश काम वर्क फ्रॉम होम के जरिए करवाए जाने की कवायद में लगी हुई है वहीं दूसरी आेर शिक्षा विभाग अपने शिक्षकों को लगतार स्कूल ही बुलवा रहा है वह भी उस स्थिति में जबकि स्कूलों में बच्चे नहीं आ रहे हैं।
एक शिक्षिका की हो चुकी मौत
गौरतलब है कि जो शिक्षक ग्रामीण क्षेत्रों में पदस्थापित हैं उन्हें स्कूल जाने के लिए सार्वजनिक साधनों का ही सहारा लेना पड़ता है। एेसे में उन पर कोरोना से संक्रमित होने का खतरा लगातार बना रहता है। आपको बता दें कि एक स्कूल शिक्षिका की कोरोना से मौत भी हो चुकी है।
एमएचआरडी की गाइड लाइन की अवहेलना
शिक्षकों ने लगातार कोरोना पॉजिटिव आने के कारण अब शिक्षक भी वर्क फ्रॉम होम की मांग कर रहे हैं। उनका कहना है कि बीते कुछ दिनों में १२ से अधिक शिक्षक कोरोना पॉजिटिव आ चुके हैं। फिर जब स्कूलों में बच्चों को बुलाया नहीं जा रहा तो शिक्षकों को बुलाए जाने की क्या आवश्यकता है। राजस्थान प्राथमिक एवं माध्यमिक शिक्षक संघ का कहना है कि एमएचआरडी ने भी कोरोना को देखते हुए यही गाइडलाइन जारी की है कि शिक्षकों से वर्क फ्रॉम करवाया जाए लेकिन शिक्षा विभाग फिर भी शिक्षकों को स्कूल बुलवा रहा है। जो उचित नहीं है। एेसे में शिक्षकों को बुलाया जाना गैर वाजिब है।
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