Independence day 2020: General Dyer ने Jallianwala Bagh जैसा क्रूर फैसला क्यों लिया | वनइंडिया हिंदी

  • 4 years ago
The day was April 13, 1919. It was supposed to be a joyous Baisakhi. Pilgrims along with peaceful protestors had gathered in the Jallianwala Bagh in Amritsar to celebrate the Sikh festival. Little did they know that their celebrations were soon going to turn into one of the deadliest moments in India's history.

वो साल 1919 का 13 अप्रैल का दिन था. वो रविवार का दिन था. आस-पास के गांवों के अनेक किसान हिंदुओं और सिक्खों का उत्सव बैसाखी मनाने अमृतसर आए थे. लोगों ने नए कपड़े पहने थे और बच्चों के लिए तो मानो ये रविवार पिछले कई रविवार से बेहतर होने वाला था. लेकिन किसी को होने वाले हादसे का अंदाजा नहीं था. पंजाब के जलियांवाला बाग अमृतसर के स्वर्ण मंदिर के पास का एक छोटा सा बगीचा है. जहां लोग एक शांतिपूर्ण सभा के लिए हजारों की तादाद में जमा हुए थे. सभा चल ही रही रही थी कि अंग्रेज फौज इस जगह पहुंचाने वाली एकमात्र संकरे रास्ते से अंदर दाखिल हुई. सभा में मौजूद किसी को कुछ समझ में नहीं आया. फौज की इस टुकड़ी का नेतृत्व जनरल आर डायर कर रहा था.

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