कोरोना काल मे पिछले 2 माह से नहीं मिल रहा वेतन
  • 4 years ago
गाजीपुर में इन दिनों कोरोना से संक्रमित मरीजों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। जिसको देखते हुए नगरपालिका परिषद, नगर पंचायत और ग्राम पंचायत की भी साफ सफाई को लेकर जिम्मेदारी बढ़ गई है। लेकिन गाजीपुर नगरपालिका परिषद के कर्मचारी कोरोना काल में कोरोना योद्धा के रूप में कार्य कर रहे है। बावजूद इन कर्मचारियों को नगरपालिका परिषद गाजीपुर द्वारा पिछले दो माह से वेतन नहीं दिया जा रहा है। वेतन न मिलने को लेकर आज कर्मचारियों द्वारा ऑफिस के बाहर काम बंद कर हड़ताल कर दिए। जिससे अधिकारियों में हड़कंप मच गया। जब इस बात की जानकारी अधिशाषी अधिकारी और चेयमैन नगरपालिका परिषद को हुई तो तत्काल कर्मचारियों के साथ वार्ता करने को तैयार हो गए। जिसके बाद कर्मचारियों द्वारा वेतन की मांग पर अधिशाषी अधिकारी ने मुहर लगते हुए कर्मचारियों के वेतन को कल ही देने का फैसला सुना दिया।



बता दें कि गाजीपुर की नगरपालिका परिषद जिसके ऊपर पूरे शहर के सफाई की जिम्मेदारी होती है और उसी जिम्मेदारी को निभाने के लिए नगर पालिका में आउट सोर्स और स्थाई कर्मचारी की संख्या करीब 300 से ऊपर है इन सभी कर्मचारियों का पिछले 3 माह से नगर पालिका अध्यक्ष और तत्कालीन अधिशासी अधिकारी के कार्य प्रणाली के चलते वेतन नहीं मिल पा रहा है । जिसके चलते इन कर्मचारियों के सामने भूखमरी तक की नौबत आ चुकी है। जिसको लेकर इन सभी लोगों ने जिला अधिकारी ओमप्रकाश आर्य से कई बार गुहार लगा चुके हैं। लेकिन इनके वेतन को लेकर कोई निराकरण नहीं निकल पाया ।इतना ही नहीं बकरी ईद के पर्व को देखते हुए जिलाधिकारी ने 1 दिन पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष को नगर के साथ सफाई की मुकम्मल व्यवस्था कराने के निर्देश भी दिए थे। वही आज नगर पालिका के कर्मचारियों ने जिलाधिकारी को वेतन ना मिलने के एवज में आज से कार्य बहिष्कार का अल्टीमेटम दिया था। जिसको लेकर आज इन सभी लोगों ने जलकल के कर्मचारियों को छोड़कर से सभी कर्मचारी ने अपने कार्यों का बहिष्कार करते हुए सफाई के लिए जाने वाले वाहनों का पहिया जाम करते हुए और अपने कार्यालय के कार्य का बहिष्कार कर नगर पालिका के कार्यों पर पूर्ण रूप से लगाम लगा दिया । जिसके चलते आज पूरे शहर में कचरे का अंबार लगा हुआ है। इसके साथ ही इन कर्मचारियों ने बताया कि हम आउटसोर्सिंग के कर्मचारियों में किसी को 7500 तो किसी को ₹6000 का वेतन देकर ठेकेदार के द्वारा कार्य कराया जाता है। आज के कार्य बहिष्कार में इन लोगों की यह मांग भी शामिल है।
Recommended