धूप के साथ हुई बारिश , राजधानी जयपुर पर मेहरबान हुए मेघ
  • 4 years ago

कल चार जिलों में भारी वर्षा का अलर्ट
लगातार बढ़ रहे सियासी पारे के बीच शनिवार को मेघ राजधानी जयपुर पर मेहरबान हुए। आज सुबह से ही शहर में बादलों की आवाजाही बनी रही। सुबह नौ बजे शहर का अधिकतम तापमान 30 डिग्री सेल्सियस दर्ज हुआ। दोपहर तकरीबन एक बजे मौसम बदलने लगा और धूप के साथ ही बारिश शुरू हो गई। तकरीबन एक घंटे तक चली बारिश से तापमान में गिरावट महसूस की गई। जयपुर के साथ ही जोधपुर, उदयपुर, भरतपुर संभाग के कुछ जिलों में मेघगर्जन के साथ कहीं.कहीं तेज बारिश हुई।

धूप और बारिश में कोई संबंध नहीं
सबसे पहले हम संक्षेप में समझ लेते हैं, बारिश क्या होती है और सूर्य और बारिश का क्या संबंध होता है। जब सूर्य का प्रकाश किसी विशाल जलराशि जैसे समुद्र पर पड़ता है, तो उसकी ऊष्मा के कारण जल का वाष्पीकरण होने लगता है और हवा में जलवाष्प की मात्रा बढऩे लगती है। पृथ्वी पर चलने वाली हवाओं के कारण जलवाष्प से भरी हवा एक स्थान से दूसरे स्थान तक पहुंचती है और जो बादल का रूप ले लेती है। जलवाष्प से भरी यह हवा निम्न दाब के कारण ऊपर उठती जाती है और जब इसकी जलवाष्प धारण करने की सीमा समाप्त हो जाती है, तो ये जलवाष्प वर्षा के रूप में धरती पर गिरने लगती है। दरअसल जब स्थलीय भाग पर बारिश होती है, तो सूर्य की रोशनी अर्थात धूप और बारिश में कोई संबंध नहीं होता है।
इसलिए होती है धूप के साथ बारिश
मौसम संबंधी ये घटनाएं क्षोभ मंडल में होती हैं जोकि पृथ्वी से लगभग 8 से 18 किलोमीटर की ऊंचाई तक होता है। सूर्य हमसे लगभग 15 करोड़ किलोमीटर की दूरी पर है और बादल 10.12 किलोमीटर की। अर्थात बादल सूर्य की अपेक्षा हमारे बहुत ज्यादा पास होते हैं जिस कारण ये सूर्य की किरणों में अवरोध पैदा कर देते हैं। जब बादल आसमान में होते हैं, तब वो सूर्य से आने वाली किरणों को ढक लेते हैं और बारिश होने के बाद बादल खत्म हो जाते हैं और धूप फिर से निकल आती है। कभी कभी बादल कम मात्रा में होते हैं और सूर्य की किरणें हमारे ठीक ऊपर ना होकर आसमान में थोड़ी तिरछी होकर आती हैं क्योंकि सूर्य हमारे एकदम ऊपर नहीं होता है जिस कारण ये बादल उन किरणों के मार्ग में बाधा नहीं बन पाते हैं। निम्न दाब के कारण ये वर्षा कर देते हैं साथ ही धूप भी निकली रहती है। इसीलिए जब धूप में जब बारिश होती है, तब यह ज्यादा देर तक नहीं होती है। कुल मिलाकर कह सकते हैं कि जब कभी ऐसा होता है कि बादल बरसते समय सूर्य को अपने पीछे नहीं छिपा पाते हैं, तो बारिश और धूप एक साथ होते हैं।

चार जिलों में भारी बरसात का अलर्ट
मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार मानसून ट्रफलाइन जैसलमेर, अजमेर, शिवपुरी, सतना, धुनका होते हुए गुजर रही है और मध्य राजस्थान में ०.९ से १.५ किलोमीटर का साइक्लोनिक सर्कुलेशन बन रहा है जिससे दक्षिण पश्चिमी राजस्थान में बरसात की संभावना बन रही हैं। मौसम विभाग ने रविवार को उदयपुर, राजसमंद, सिरोही, चित्तौडग़ढ़ जिलों में एक दो स्थानों पर भारी बरसात होने की संभावना है। इन जिलों के साथ ही बांसवाड़ा, भीलवाड़ा, प्रतापगढ़, जोधपुर, जैसलमेर, बाड़मेर, पाली और नागौर जिलों में कहीं कहीं मेघगर्जन के साथ बारिश हो सकती है।
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