3 साल से जयपुर जिले के लोगों को नहीं मिला लोन
  • 4 years ago
जयपुर। कोरोना महामारी के चलते हुनरमंद लोग भी बेरोजगार हो चुके हैं। आर्थिक आत्मनिर्भर होने के लिए अभी ऐसे लोगों को मदद की जरूरत है। ऐसे में सरकार की ओर से दिए जाने वाले आर्थिक ऋण बड़ी भूमिका निभा सकते हैं, लेकिन अल्पसंख्यकों के लिए मुश्किल यह है कि अभी अल्पसंख्यक मामलात विभाग की ओर से दिए जाने वाले उद्योग लोन पर जयपुर जिले में रोक लगी है।
जयपुर जिला ब्लैक लिस्टेड
आवेदकों के लोन लेने के बाद इसे ना चुकाने को लेकर जयपुर को पिछले साल ही केंद्र सरकार की ओर से इस योजना में ब्लैक लिस्टेड कर दिया गया। केंद्र सरकार इस योजना के लिए बजट देती हैं, लेकिन रिकवरी रेट में जयपुर जिले के सबसे पीछे होने के चलते यहां लोन के लिए बजट नहीं दिया जा रहा। पिछले तीन सालों में लोन की रिकवरी अधिकतम 10 प्रतिशत ही हुई है। अब जरूरतमंद लोगों को यह लोन नहीं मिल पा रहा है। जयपुर जिले के लोग आवेदन कर रहे हैं, मगर अभी योजना फिर कब शुरू होगी, इसकी पर्याप्त जानकारी नहीं है।

यह है योजना
अल्पसंख्यकों को आर्थिक आत्मनिर्भर बनाने के लिए यह योजना केंद्र सरकार की ओर से चलाई जाती है। राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के 1992 एक्ट के तहत इस योजना का संचालन किया जाता है। इसमें आवेदक अल्पसंख्यक कम्युनिटी का हो, साथ ही उसकी सालाना आय अधिकतम 1 लाख 20 हजार से ज्यादा नहीं होनी चाहिए। इस योजना के तहत आवेदकों को कम से कम 50 हजार का और अधिकतम 4 लाख रुपए तक का लोन दिया जाता है। ताकि वे खुद का उद्योग संचालित कर सकें। जो पढ़े—लिखे नहीं हैं, वे आत्मनिर्भर होकर देश की अर्थव्यवस्था में अपना योगदान दे सकें। राजस्थान अल्पसंख्यक वित्त एवं विकास सहकारी लिमिटेड की ओर से यह लोन बांटे जाते हैं।

लोन लिया और भूल गए
इस योजना के तहत लाभार्थियों ने लोन तो ले लिया, लेकिन इसे चुकाने के लिए आगे नहीं आए। जबकि यह कम से कम 6 प्रतिशत की ब्याज दर पर ही दिया जाता है। और इस लोन को चुकाने के लिए समय भी 5 साल का दिया जाता है। पांच सालों में भी लाभार्थियों ने 50 हजार का लोन भी नहीं चुकाया और ना ही विभाग ने इस रिकवरी के लिए कोई ठोस कदम उठाए। इन योजना का लाभ अल्पसंख्यकों जैसे — मुस्लिम, सिख, इसाई, जैन, पारसी और बौद्ध समुदाय के लोग ले सकते हैं।

इनका कहना है
यह केंद्र सरकार की योजना है, जिसकी रिकवरी नहीं हो पा रही है। ज्यादा से ज्यादा रिकवरी के आदेश मिले हैं। इस कारण पिछले साल जयपुर जिले को ब्लैक लिस्ट कर दिया गया था। इस साल कोशिश की जा रही है कि जरूरतमंदों तक इस योजना का लाभ पहुंचे।
शकील अहमद, जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी, जयपुर
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