‘घुंघरू’ की आवाज सुनकर कथक को समर्पित कर दिया जीवन: मंगलामुखी
  • 4 years ago
जयपुर। जवाहर कला केंद्र के साप्ताहिक आर्ट टॉक्स सीरीज के तहत बुधवार को 'बिल्डिंग इन्क्लिूसिव सोसाइटी थ्रू- पार्ट 2' विषय पर आर्ट टॉक का आयोजन किया गया। इस सेशन में ट्रांसजेंडर कम्यूनिटी के कलाकार टी. राजकुमारी, मंजम्मा जोगाथी, देवेंद्र मंगलामुखी और सागर तुमाकुरू शामिल हुए। उन्होंने जेकेके की महानिदेशक किरण सोनी गुप्ता और एंकर सालेहा गाजी के साथ चर्चा की।

कथक डांसर के रूप में अपनी जर्नी साझा करते हुए, कथक व्याख्याता देवेंद्र मंगलामुखी ने कहा कि उन्होंने जीवन में बहुत सारी चुनौतियों का सामना किया है। कला क्षेत्र में करियर बनाने के लिए बहुत कुछ झेलना पड़ा और लोगों की आहत करने वाली टिप्पणियां सुनने को मिली। जब वे 9 वर्ष के थे, वे पद्मभूषण डॉ. उमा शर्मा के व्याख्यान में भाग लेने गए। डॉ. शर्मा को एक पैर का उपयोग करके ‘घुंघरू’ की आवाज निकालते देख वे उनसे बहुत प्रेरित हुए। यहीं से मंगलामुखी ने कथक में अपनी यात्रा शुरू करने और अपना सबकुछ इस नृत्य शैली को समर्पित करने का निर्णय लिया। मंगलामुखी 2006 से मंच पर कथक प्रस्तुति दे रहे हैं।
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