प्री मानसून रहा मेहरबान, अब मानसून का इंतजार

  • 4 years ago


१४ दिन में देश में ३१ फीसदी अधिक बारिश

राजस्थान में सामान्य से १३० फीसदी बारिश अधिक

दक्षिण.पश्चिम मानसून एक जून को केरल तट पर दस्तक देने के बाद देश के अन्य हिस्सों की ओर तेजी से बढ़ रहा है। प्रदेश में मानसून की एंट्री १९ या २० जून को होने की संभावना है। गुजरात, संपूर्ण महाराष्ट्र को कवर करते हुए मध्यप्रदेश के कुछ इलाके, छत्तीसगढ़ और झारखंड के ज्यादातर क्षेत्रों से होते हुए बिहार के कुछ हिस्सों तक पहुंच चुका है। बीते 14 दिनों देशभर में सामान्य से 31 फीसदी ज्यादा बारिश हुई है। वहीं राजस्थान पर प्री मानसून मेहरबान रहा है। प्रदेश में इस बार सामान्य से १३० फीसदी तक प्री मानसून की बारिश हो चुकी है।
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग की रिपोर्ट के अुनसार, पूरे देश में इस साल मानूसन के दौरान लंबी अवधि के औसत यानी एलपीए से 31 फीसदी अधिक बारिश हुई है। उत्तर.पश्चिम भारत में जहां इस दौरान 22.8 मिलीमीटर बारिश होती है वहां इस साल 27.2 मिलीमीटर यानी सामान्य से 19 फीसदी ज्यादा बारिश हुई है।
वहीं, मध्य भारत में जहां इस दौरान 46.9 मिलीमीटर बारिश होती है वहां इस साल 91 मिलीमीटर यानी सामान्य से 94 फीसदी ज्यादा बारिश हुई है। दक्षिण प्रायद्वीपीय भारत में इस दौरान 66.9 मिलीमीटर बारिश होती है जबकि इस साल 80.2 मिलीमीटर यानी सामान्य से 20 फीसदी ज्यादा बारिश हुई है। पूर्वी और पूर्वोत्तर भारत में इस दौरान जहां सामान्य रूप से 137.4 मिलीमीटर बारिश होती है वहां इस साल 131.8 मिलीमीटर यानी सामान्य से चार फीसदी कम बारिश हुई है।
पूरे भारत में बीते 14 दिनों के दौरान 75.8 मिलीमीटर बारिश हुई है जबकि इस दौरान औसतन 57.8 मिलीमीटर बारिश होती है। इस प्रकार मानसून के आगमन के दो सप्ताह के भीतर देशभर में बारिश सामान्य से 31 फीसदी अधिक हुई है।

वहीं राजस्थान की बात करें तो मौसम विभाग के अनुसार प्रदेशभर में सामान्यतया 21 मिलीमीटर बारिश होती है, लेकिन इस बार प्रदेश में 48.2 मिलीमीटर बारिश हुई है। यानि 130 फीसदी तक प्री.मानसून बारिश हो चुकी है। गर्मी के मौसम में भी हो रही बारिश सभी को चौंका रही है। मौसम विभाग से मिले आंकड़ों के अनुसार मार्च में इस साल प्रदेश में करीब 400 फीसदी तक बारिश हुई है। मार्च में सामान्यतया प्रदेश में 4.1 मिलीमीटर बारिश होती है, लेकिन इस बार यह 20.2 मिलीमीटर हुई है।यानि 394 फीसदी तक अधिक बारिश हुई है। प्रदेशवासियों को झुलसाने वाले अप्रेल और मई के महिने में भी इस बार सामान्य से ज्यादा बारिश दर्ज की गई है।

गर्मी के मौसम में बारिश के क्या रहे कारण
दरअसल इस बार गर्मियों के मौसम में बारिश का मुख्य कारण मौसमी एक्टीविटीज़ हैं। इस बार प्रदेश में पश्चिमी विक्षोभ बहुत कम अंतराल में लगातार सक्रिय हुआ है। इसके साथ ही दक्षिण से आने वाली नमी और प्रदेश में बन रहे सरक्यूलेशन भी कारण रहे हैं।मौसम विभाग के अनुसार लगातार पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होने के कारण प्रदेश में बार बार मौसम बदला और बारिश हुई।

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