किसानों को कम कीमत पर नहीं बेचगी पड़ेगी फसल
  • 4 years ago
किसानों को कम कीमत पर नहीं बेचगी पड़ेगी फसल
सरकार दे रही है सस्ता लोन

कोरोना संकट के बीच किसानों को उनकी फसल का बेहतर मूल्य दिलवाने के लिए राज्य सरकार लगातार प्रयासरत है। किसानों को उनकी फसल का बेहतर मूल्य दिलवाने के लिए सरका ने कृषक कल्याण कोष से सहकार किसान कल्याण योजना में हर साल 50 करोड़ रुपए का अनुदान देने का अहम फैसला किया है। जिससे किसानों को अब अपनी उपज को रहन रखकर मात्र 3 फीसदी ब्याज दर पर कर्ज मिल सकेगा। गौरतलब है कि आमतौर पर बाजार में फसल आने के समय जिंसों के भाव कम होते हैं, लेकिन अपनी जरूरतों को पूरा करने और बैंक या सहकारी समितियों से लिए कर्ज को चुकाने के लिए किसान कम दामों पर ही फसल बेचने को मजबूर हो जाते हैं। अगर किसान फसल नहीं बेचें तो उसे अपने जरूरी कामों को पूरा करने के लिए साहूकारों या बिचौलियों के पास अपनी फसल गिरवी रखकर ऊंची ब्याज दरों पर कर्ज लेना पड़ता है। इन हालात से बचाकर किसान को फौरन पैसों की जरूरतों की पूर्ति करने के मकसद से राज्य सरकार ने सहकार किसान कल्याण योजना में हर साल 50 करोड़ रुपए का अनुदान देने का निर्णय लिया है।
योजना के तहत किसानों को उनके द्वारा गिरवी रखी गई उपज के बाजार मूल्य या समर्थन मूल्य, जो भी कम हो के आधार पर मूल्यांकन किया जाएगा। अब इस राशि की 70 फीसदी राशि गिरवी ऋण के रूप में मुहैया कराई जाएगी।
उचित भाव पर बेच सकेंगे फसल
इस योजना में छोटे किसानों के लिए 1.५0 लाख तथा बड़े किसानों को 3 लाख रुपए तक का कर्ज मात्र 3 फीसदी ब्याज दर पर मिल सकेगा। यह योजना किसानों के लिए बेहद उपयोगी होगी, वे अपनी उपज उचित भाव मिलने पर बेच सकेंगे। उन्हें यह उनके गांव के नजदीक ही मिल सकेगी। इस योजना में किसानों को 90 दिन यानी तीन महीने के लिए कर्ज मिलेगा, विशेष हालात में कर्ज की सीमा 6 महीने तक हो सकती है।

तय समय पर कर्ज चुकाने पर किसानों को ब्याज पर छूट मिलेगी। किसानों की उपज को सुरक्षित करने के लिए इस योजना को ए और बी श्रेणी की उन ग्राम सेवा सहकारी समितियों में बांटा जाएगा जिनका नियमित ऑडिट हो रहा हो, जो समितियां फायदे में चल रही हों, जिनका एनपीए का स्तर 10 फीसदी से कम हो। सरप्लस रिसोर्सेज उपलब्ध हो और वहां फुल टाइम पूर्णकालिक मैनेजमेंट हो, इस योजना के तहत जीएसएस या लैम्पस के सभी किसान सदस्य उपज रहन कर कर्ज लेने सकेंगे।
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