वेस्ट वर्जीनिया की एना जार्विस... जिसने मनाया था पहला मदर्स डे

  • 4 years ago
मदर्स डे सबसे पहले संयुक्त राज्य अमरीका के वेस्ट वर्जीनिया में मनाया गया। यहां की सोशल एक्टिविस्ट एना मारिया जार्विस ने इस दिन की शुरुआत की थी। इसके पीछे भी एक मां और बेटी के रिश्ते की बॉन्डिंग थी। दरअसल एना की मां एन रीविस चाहती थी कि उनकी याद में कोई एक दिन मनाया जाए, जो उनके मातृत्व को खास मानते हुए हो। वर्जीनिया के एक चर्च में संडे प्रेयर मीट के दौरान सबके सामने उन्होंने अपने यह इच्छा रखी। प्रेयर मीट में उन्होंने कहा— मुझे आशा है और मैं प्रार्थना करती हूं कि कोई, किसी दिन मां का एक दिन मनाना शुरू करेगा, जो एक मां के अतुलनीय मातृत्व को मानवता का सबसे बड़ा काम समझे।
उनकी इस प्रार्थना को सुन रही 12 साल की एना जार्विस के मन में यह बात बैठ गई। वो सोचा करती कि कभी न कभी मां के लिए यह दिन मनाकर वो उन्हें आश्चर्यचकित कर देगी। लेकिन अपनी पढ़ाई और फिर सामाजिक कार्यों उलझी रही। इसी दौरान 1905 में उनकी मां की मौत हो गई। इसके ठीक तीन साल बाद 1908 में एना ने वर्जीनिया के उसी बड़े चर्चा में मां के लिए मेमोरियल प्रेयर मीट रखी, जो मई का दूसरा रविवार था। यहां बड़ी संख्या में शहर के लोगों को बुलाया गया था। चर्च को सफेद कार्नेशन फूलों से सजाया गया। यहां एना ने सभी लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि वे इस दिन को हर साल हर मां के मातृत्व को सेलिब्रेट करने के दिन के रूप में मनाएंगी। इस दिन वर्जीनिया में यह दिन मातृत्व दिवस के रूप में मनाया गया। इसके बाद एना संयुक्त राज्य अमरीका के हर राज्य के चर्च में जाकर इस तरह का दिन मनाने के लिए लोगों को जागरूक करती रही। इसे उन्होंने आंदोलन के रूप में खड़ा किया। आखिरकार 1914 में मई का दूसरा रविवार पूरे अमरीका में एक साथ मदर्स डे के रूप में मनाया गया। इसी दिन एना जार्विस ने मदर्स डे इंटरनेशनल एसोसिएशन का गठन भी किया। ताकि दुनियाभर की मांओं के बच्चों को दी गई परवरिश के लिए उनका सम्मान किया जा सके। यह मातृत्व के लिए खास तौर पर पारिवारिक और उनके आपसी संबंधों को प्रेम और सम्मान देने के लिए शुरू किया गया था। उनके अंतरराष्ट्रीय आंदोलन की बदौलत यह दिन अब दुनिया के हर कोने में मनाया जाता हैं।
हर साल यह दिन मनाया जाने लगा, लेकिन एना को दुख तब हुआ जब इस दिन ने एक बाजारवाद का रूप ले लिया। इस दिन कार्नेशन फूलों की बिक्री आसमान छूने लगी। ग्रीटिंग कार्ड इडंस्ट्री ने इस दिन को खूब भुनाया। इस पर एना ने इस बाजारवाद का विरोध किया। इसके विरोध में आंदोलन भी चलाया, लेकिन उनकी मौत तक इस दिन का बाजारवाद अपने चरम पर था। एना का कहना था कि इस दिन सिर्फ एक फूल देते हुए अपनी मां के प्रति अपने विचारों को खत के जरिए मां तक प्रेषित करना चाहिए। बच्चों को मां के प्रति अपना प्रेम शब्दों में बयां करने के लिए ग्रीटिंग कार्ड का सहारा लेना गलत है। इससे आपके भीतर मां को लेकर जो प्रेम और सम्मान की भावना हैं, वो सामने नहीं आ पाती। जबकि मां को उसके बच्चों से बदले में प्यार की कुछ पंक्तियां ही चाहिए होती हैं।

Recommended