कोरोना जंग: गीतकार के रूप में शिक्षक की पहल

  • 4 years ago

कोरोना जंग में बचाव के संदेशों को लोगों तक पहुंचाने के लिए इन दिनों कई लोग नए गीत, कविता के माध्यम से जागरुक करने का प्रयास कर रहे हैं। एेसे ही एक शिक्षक बूंदी के जजावर कस्बे में कार्यरत हैं। शिक्षक किशन लाल कहार भी इन दिनों अपनी गीत और कविता के माध्यम से लोगों को जागरुक कर रहे हैं। कहार मूलत: नैनवां उपखंड के दुगारी गांव के निवासी हैं। कहार ने बताया कि वैश्विक कोरोना महामारी में सभी लोग त्रसित हैं। लोगों को गीत सुनाने के साथ साथ वो लोगों को मास्क भी बाटते हैं।

राजस्थानी भाषा मे गाते हैं गीत . कहार ने बताया कि क्षेत्रीय लोगों को राजस्थानी भाषा जल्द समझ में आती है।इसलिए उन्होंने ये गीत एकविता की रचना राजस्थानी भाषा मे ही की है। ष्हाथ धोज्यो साबुण सूंएमुँह पर लगाज्यो मास्कयएक मीटर की दूरी सूंए करो दूजां सूं बातद्यष् ष्जंग जीता कोरोना कीएसब मिल आपा भारत देश न विजेता करद्या जीष्जैसे गीतों को ग्रामीण परिवेश को ध्यान में रखते हुए रचे।
संदेश अधिक प्रसारित के लिए सोशल मीडिया को चुना
कहार ने पत्रिका टीवी को बताया कि लोगों को जागरुक करने के लिए उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को चुना। जिनको गांवों और ढाणियों में रहने वाले लोग यूट्यूब और व्हाट्सएप सुन सकते हैं।

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