आर्थिक चुनौती के बीच 922 करोड़ के सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट को मंजूरी!
  • 4 years ago
जयपुर। देश आ​र्थिक आपातकाल के मुहाने पर है, गरीब भूखे सड़कों पर घूम रहे हैं, लेकिन केंद्र सरकार के ड्रीम प्रोजेक्ट जारी हैं। अब खबर है कि सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट को गुपचुप तरीके से मंजूरी दी जा चुकी है। यह पूरा प्रोजेक्ट 922 करोड़ रुपए का बताया जा रहा है। जबकि कई विशेषज्ञ इसकी अनुमानित लागत 20 हजार करोड़ रुपए बता चुके हैं। खबर है कि 23 अप्रेल को केंद्रीय विस्टा कमेटी की बैठक होनी थी। इसके सदस्यों ने बैठक को टालने का प्रस्ताव भी रखा। लॉकडाउन के चलते कई लोगों ने इस बैठक में शामिल होने में असमर्थता जता दी। इसके बाद भी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बिना किसी आपत्ति के इस प्रोजेक्ट को मंजूरी दे दी है। यही नहीं सुप्रीम कोर्ट ने भी इस प्रोजेक्ट पर रोक लगाने से इंकार कर दिया है। जबकि देश कोरोना महामारी के आर्थिक संकट से गुजर रहा है। देश में चल रहे सारे प्रोजेक्ट रोकने पड़ रहे हैं। राज्यों ने कोरोना महामारी में इलाज के लिए केंद्र से फंड जारी करने की मांग की है। मुख्यमंत्रियों के साथ हुई पीएम मोदी की तीन वीडियो कॉन्फ्रेंस में भी राजस्थान, बंगाल, महाराष्ट्र सहित गैर भाजपा शासित राज्यों ने केंद्र से फंड नहीं मिलने की बात कही। साथ ही राज्यों को बजट जारी करने की मांग भी की। इसके बाद भी केंद्र से बजट जारी नहीं किया गया, लेकिन केंद्र सरकार के उस ड्रीम प्रोजेक्ट को मंजूरी दे दी गई है, जिस पर विपक्ष ने आपत्ति जताई। कोरोना महामारी को लेकर सरकार को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने पत्र लिखकर सुझाव दिए थे। जिनमें एक यह भी था कि केंद्रीय विस्टा प्रोजेक्ट के लिए खर्च किए जाने वाले 20 हजार करोड़ का फंड रोका जाए। वहीं हाल ही में वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए मीडिया से रूबरू हुुए कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी केंद्रीय विस्टा प्रोजेक्ट को हालात सामान्य होने तक रोकने की मांग की थी। आपको बता दें कि इस प्रोजेक्ट के तहत नई पार्लियामेंट बिल्डिंग बनाई जानी प्रस्तावित है। इसमें नया प्रधानमंत्री भवन के साथ सचिवालय, अन्य मंत्रियों के निवास के साथ कई कार्यालय बनने हैं। साउथ ब्लॉक में प्रधानमंत्री का नया आवास होगा। वहीं उपराष्ट्रपति का आवास भी इसी प्रोजेक्ट का हिस्सा है। यह योजना राष्ट्रपति भवन से इंडिया गेट के बीच 21 एकड़ से ज्यादा की जमीन पर बनना है। करीब 3 किलोमीटर के दायरे में यहां नया संसद भवन बनेगा। आपको बता दें कि
23 अप्रैल को केंद्रीय विस्टा कमेटी के विशेष सलाहकार समूह ने न्यू पार्लियामेंट बिल्डिंग के प्रपोजल पर वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए चर्चा की थी। लॉकडाउन के चलते इस कमेटी के स्वतंत्र सदस्यों ने इस मीटिंग को लेकर सवाल खड़े किए थे। इसके बाद प्रोजेक्ट से जुड़े सीपीडब्ल्यूडी के एग्जिक्यूटिव इंजीनियर अश्विनी मित्तल ने प्रोजेक्ट के आर्किटेक्चर गुजरात के बिमल पटेल से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए प्रजेंटेशन मांगा। बिमल पटेल के प्रजेंटेशन के बाद इस प्रोजेक्ट को अगले चरण के लिए बिना आपत्ति मंजूरी दे दी गई।
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