केंद्रीय कर्मियों के डीए में कटौती का फैसला राहुल गांधी ने बताया अमानवीय

  • 4 years ago
कोरोना वायरस महामारी के बीच केंद्रीय कर्मचारियों को महंगाई भत्ता ना मिलने के केंद्र सरकार के एलान के बाद से कर्मचारी निराश हैं। वहीं महामारी के समय सरकार पर बढ़ते भार के चलते यह फैसला वित्त मंत्रालय ने लिया है। अब वायनाड से सांसद और कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने केंद्र के इस फैसले पर अपना विरोध दर्ज किया है। उन्होंने केंद्र सरकार के इस फैसले का अमानवीय बताया है। आपको बता दें कि केंद्र के फैसले के मुताबि जनवरी 2020 से जुलाई 2021 तक 1 करोड़ केंद्रीय कर्मचारियों को महंगाई भत्ता नहीं दिया जाएगा। इस खबर के बाद राहुल गांधी ने केंद्र पर निशाना साधा है। मामले पर ट्वीट करते हुए राहुल गांधी ने लिखा है कि लाखों करोड़ की बुलेट ट्रेन परियोजना और केंद्रीय विस्टा सौंदर्यीकरण परियोजना को निलंबित करने की बजाय कोरोना से जूझ कर जनता की सेवा कर रहे केंद्रीय कर्मचारियों, पेंशन भोगियों और देश के जवानों का महंगाई भत्ता काटना सरकार का असंवेदनशील तथा अमानवीय निर्णय है। एक ओर तो सरकार कोरोना वॉरियर्स को सम्मान की बात करती है, दूसरी ओर उनकी सेवाओं की एवज में दी जा रही सुविधाओं में कटौती कर रही है। इस महामारी के बीच भी यह कर्मचारी ही है, जो हर तरह से सरकार का साथ दे रहे हैं। अपनी जान को जोखिम में डालकर कोरोना पीड़ितों के लिए काम कर रहे हैं। इस बीच ऐसी निराशाजनक खबर आना अमानवीय है। केंद्र सरकार को एक बार फिर अपने इस फैसले के बारे में सोचना चाहिए। इसकी बजाय कई गैर जरूरी योजनाओं को आगे के लिए पेंडिंग रखा जा सकता है।
बता दें कि केंद्र सरकार ने एक जनवरी, 2020 से एक जुलाई, 2021 के बीच महंगाई भत्ते की दर को संशोधित नहीं करने का फैसला लिया है। हालांकि, महंगाई भत्ते का भुगतान मौजूदा दर यानी 17 फीसदी से किया जाता रहेगा। सरकार के इस फैसले से केंद्र सरकार के करीब 48 लाख कर्मचारी और 65 लाख पेंशनर प्रभावित होंगे। इसका मतलब कि कुल मिलाकर एक करोड़ 1.13 करोड़ परिवार इस फैसले के तहत प्रभावित होंगे।

वित्त मंत्रालय की ओर से जारी किये गये आदेश के अनुसार, कोरोना वायरस के संकट की वजह से 1 जनवरी, 2020 के बाद से केंद्रीय कर्मचारी या पेंशनधारी को मिलने वाली महंगाई भत्ते की राशि नहीं दी जाएगी। वहीं, 1 जुलाई 2020 से जो बकाया महंगाई भत्ता मिलना था, उसको भी नहीं दिया जाएगा।

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