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  • 4 years ago
भौतिक सुख-सुविधाओं के इस दौर में देसी फ्रिज यानी मिट्टी के बर्तनों की मांग सदा से रही है। मटके और सुराही का पानी पीने में जो आनंद आता है, वह फ्रिज के ठंडे पानी में कहां। मिट्टी के बर्तनों की खूबियों को लोग सदियों से जानते रहे हैं। खासकर गर्मी की दस्तक शुरू होते ही शहर हो या गांव इनकी पूछपरख बढ़ जाती है। मटके ले लो... सुराही ले लो..., देसी फ्रिज ले लो.. की आवाजें गर्मियां आते ही सुनाई देने लगती हैं। ग्रामीण इलाकों में तो देसी फ्रिज आज भी अपना वजूद कायम रखे हुए हैं। ऐसा ही कटनी जिले की बड़वारा तहसील क्षेत्र का गांव है रोहनिया।