Rahul Gandhi की PM Modi को चिट्ठी, कहा— LockDown से बढ़ेगी मौतें
  • 4 years ago
दिल्ली से जुड़े सभी हाइवे पर मजदूरों का रैला देख हर कोई परेशान है। राज्यों सरकारों ने कई दिनों तक विरोध झेलने के बाद इनके लिए बसें मुहैया करवाई। इसी बीच खबर यह भी आई कि इस लॉकडाउन के बाद मजदूरों के पैदल घर निकलने पर करीब17मजदूरों की मौत हो गई। कोरोना से लड़ने के लिए सरकार के बराबर खड़े विपक्ष की ओर से अब आवाज उठने लगी है। राहुल गांधी ने पीएम मोदी को चिट्ठी लिख बिना तैयारी के इस लॉकडाउन की को लागू करने पर आपत्ति दर्ज की है। हालां कि उन्होंने कहा कि कोरोना की चुनौतियों से लड़ने के लिए कांग्रेस पार्टी का हर सदस्य सरकार और जनता के साथ है,लेकिन चिंता इस बात की है कि बिना किसी रणनीति के लागू किए लॉकडाउन से देश में मौतों में इजाफा होगा। सरकार जो भी कदम उठा रही है,उसमें हम साथ हैं,लेकिन दुनिया की बड़ी जनसंख्या वाले इस देश में कोरोना से लड़ने के लिए अलग रणनीति की जरूरत है। दुनियाभर के देशों में कोरोना की वजह से लॉकडाउन के कदम उठाए गए। हमारा देश भी तीन सप्ताह के लॉकडाउन से गुजर रहा है। राहुल गांधी ने कहा कि अचानक से किए गए लॉकडाउन के फैसले से देश में अफरा-तफरी और भ्रम की स्थिति पैदा हुई है। इससे कारखाने,छोटी इंडस्ट्री और कंस्ट्रक्शन साइट बंद हो गई है। उन्होंने पीएम मोदी को लिखे पत्र में कहा, "हमारे लिए यह समझना बहुत जरूरी है कि बाकी देशों की तुलना में भारत की परिस्थितियां अलग हैं। यहां दिहाड़ी मजदूरों की संख्या दूसरे देशों से ज्यादा है। ऐसे में आर्थिक गतिविधियों को बंद नहीं किया जा सकता है। आर्थिक गतिविधियों को बंद करना कोरोना से होने वाली मौतों की संख्या को बढ़ेगी। पूर्णरूप से बंदी और आर्थिक गतिविधियों के रूक जाने से लाखों युवा बेरोजगार हो जाएंगे और वापस अपने गावों की ओर जाने लगेंगे। इससे उनके अपने परिवारों और गांवों में रह रहे बुजुर्ग आबादी को संक्रमित करने का खतरा बढ़ जाएगा। राहुल गांधी ने लॉकडाउन के बाद गरीबों की उमड़ी भीड़ का वीडियो ट्वीट किया है और कहा है कि इस तरह से कोरोना आपदा से निपटा नहीं जा सकता। राहुल गांधी ने लिखा है कि हजारों भारतीय भाई बहन अपने गांव की तरफ वापस जाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। उनका काम धंधा बंद हो गया है उनका भविष्य अनिश्चित है। यह शर्मनाक है कि सरकार के पास कोई आपातकालीन योजना नहीं थी,सरकार ने इन्हें ऐसे ही जाने के लिए छोड़ दिया है। सरकार को दूसरे देशों से इतर कोई और रणनीति बनाने की जरूरत है। देश इस समय मुश्किल में है और मुश्किल से हम सभी को साथ निपटना होगा।
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