स्वरा भास्कर ने दी बबीता फोगाट को नसीहत

  • 4 years ago
रेसलर बबीता फोगाट इन दिनों विवादों में हैं। अपने कुछ ट्वीट की बदौलत उन्हें ट्रोल होना पड़ रहा है। यह अलग बात है कि उन्होंने कह दिया है, वे किसी से डरने वाली नहीं है। उन्होंने देश में कोरोना महामारी फैलने का जिम्मेदार तब्लीगी जमात को बताते हुए तीन ट्वीट किए। इसके बाद उन पर एफआईआर भी की गई और उनका ट्वीटर अकाउंट सस्पेंड करने की मांग भी की जा रही है। वहीं इस विवाद में अब स्वरा भास्कर ने भी बबीता फोगाट को नसीहत दी है। स्वरा भास्कर ने उनके ट्वीट पर रिएक्ट करते हुए ट्वीट किया है। इस ट्वीट में उन्होंने लिखा, "बबीता जी यह आंकड़े भी देखें! क्या इन लाखों भक्तगण के कोरोना टेस्ट हुए हैं? कृपया इसपर भी टिप्पणी दें! और तबलिगी जमात के प्रोग्राम को दिल्ली पुलिस ने प्रमीशन क्यूं दी। यह सवाल भी उठाएं! बाकी आपके फैन तो हम हैं ही। स्वरा ने इस ट्वीट पर एक लिस्ट साझा की है। जिसमें एक से 19 मार्च के बीच हुई सोशल गेदरिंग के आंकड़े दिए गए हैं। स्वरा भास्कर का कहना है कि कोरोना महामारी के बढ़ते मरीजों के बीच दिल्ली की मरकज में चार हजार लोग इकट्ठा हुए थे। यह दिल्ली प्रशासन के संज्ञान में आए बिना तो नहीं हो सकता। जब प्रशासन को पता था कि यह लोग इकट्ठा हैं तो इन्हें यहां से हटाया क्यूं नहीं गया। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि जमात के लोगों ने वो सभी पत्र मीडिया में साझा किए हैं, जिनके जरिए वे प्रशासन और पुलिस से सम्पर्क में थे। उन्होंने ट्वीटर पर साझा लिस्ट में देशभर में कई स्थानों पर हजारों की संख्या में जुटे लोगों के आंकड़े बताए हैं। इस आंकड़ों के आधार पर बबीता फोगाट से पूछा है कि इन भक्तगणों पर भी किसी कार्रवाई की मांग की गई है। उन्होंने यह भी कहा कि इन भीड़ में जुटे बाकी समुदाय के लोगों का भी कोरोना जांच की जानी चाहिए। ताकि पता चले कि वहां से भी कोरोना फैला या नहीं।
हालांकि स्वरा भास्कर को भी अपने इस ट्वीट पर ट्रोल होना पड़ रहा हैै। यूजर्स ने उन्हें बाकी भीड़ के आंकड़े डालने पर लताड़ा है। आपको बता दें कि स्वरा भास्कर आए दिन अपने बयानों और ट्वीट को लेकर ट्रोल होती रहती हैं। इस बार बबीता फोगाट का विरोध करने पर हो रही है। वहीं बबीता फोगाट के समर्थन में पहलवान बजरंग पूनिया और दूसरे खिलाड़ी ट्वीट कर रहे हैं। शूटर दादियों ने भी बबीता फोगाट का पक्ष लिया है। बबीता फोगाट का कहना है कि देश को 3 मई से पहले ही लॉकडाउन से राहत मिल चुकी होती, यदि तबलीगी नहीं होते। अब खिलाड़ी उनकी बात का समर्थन करते नजर आ रहे हैं। हालांकि उनके विवादित बयान पर कड़ी प्रतिक्रियाएं आ रही हैं।

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