Skip to playerSkip to main contentSkip to footer
  • 3/29/2020
कोरोना वायरस की वजह से देशभर में लॉकडाउन है. अलग-अलग राज्यों में फंसे हुए दैनिक मजदूर, गरीब जैसे शहरों में फंस गए हैं. उनके पास रेंट के मकान का किराया देने के लिए पैसे नहीं हैं. लॉकडाउन में काम नहीं कर पा रहे तो खाने के लिए पैसे नहीं हैं. ऐसे में ये लोग गांव लौटने की कोशिश में लगे हुए हैं. गाड़ियां और अन्य साधन उपलब्ध न होने की वजह से वो पैदल ही अपने सफर पर निकल गए हैं. इनकी बेबसी इनके चेहरे पर साफ झलक जाती है. इनकी बेबसी और शासन की उदासीनता को बयां करती है ये कविता

Category

📚
Learning

Recommended