शामली: यूपी-हरियाणा बॉर्डर से बिना स्क्रीनिंग पैदल आने को मजबूर है मजदूर

  • 4 years ago
अन्य प्रदेशों से लौट रहे लोगों की व्यवस्था की प्रशासन की पोल उस समय खुल गई। जब रविवार की रात अन्य जनपदों से लौटें लोग बॉर्डर से बिना मेडिकल जांच के ही गुजरते नजर आए। प्रशासन द्वारा इन लोगों के लिए बस की कराई गई व्यवस्था की भी खुली पोल। कोरोना संक्रमण के चलते 24 मार्च से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश में लाॅक की घोषणा कर रखी हैं। जिसके चलते हर जगह लाॅक डाउन किया गया हैं। लोग अपने घरों में रहकर लाॅक डाउन का पालन कर रहे हैं। लेकिन इसके विपरीत अन्य प्रदेशों में फैक्ट्रियों में काम करने वाले प्रवासी मजदूर फैक्ट्री बंद होने के बाद पलायन कर अपने घर लौट रहे हैं। प्रशासन द्वारा बसों की व्यवस्था न करने के कारण मजदूर लोग पैदल ही अपने गंतव्य की ओर रवाना हो रहे हैं। शनिवार को डीएम जसजीत कौर ने बताया था कि नगर के अंबा पैलेस सहित अन्य रैन बसेरों में बाहर से आने वाले लोगों की रुकने व खाने-पीने की व्यवस्था की गई हैं। लेकिन रविवार को सैकड़ों की तादाद में मजदूर पानीपत खटीमा राजमार्ग से पैदल ही गुजरते नजर आएं। जब मजदूरों से बात की गई तो उन्होंने बताया कि यूपी हरियाणा बॉर्डर पर उनकी डॉक्टरों द्वारा मेडिकल जांच नहीं की गई। वहीं प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग द्वारा लोगों की कोरोना संक्रमित की जांच न होने के कारण कोरोनावायरस के खिलाफ चल रही जंग को कमजोर किया जा रहा हैं। इसी तरह करीब एक दर्जन मजदूर शनिवार रात को भी बिना स्कैनिंग के ही कैराना में प्रवेश कर गए थे। 21 दिन के लिए किए गए लाॅक डाउन को इन लोगों के द्वारा असफल किया जा रहा हैं। वहीं प्रशासन द्वारा इन लोगों के लिए बसों की व्यवस्था भी ध्वस्त होती नजर आ रही हैं।

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