Delhi Violence | हाथ की मेहंदी भी नहीं सूखी थी और दंगे ने पति छीन लिया Quint Hindi

  • 4 years ago
"मेरे बेटे अशफाक की 14 फरवरी को शादी हुई थी, 11 दिन भी नहीं हुए की उसे मार दिया गया, बहू के हाथ की मेहंदी भी नहीं सुखी है. कैसे रहेगी मेरी बहू अब." ये बोलते हुए 50 साल के आगाज फूट-फूट कर रोने लगते हैं. आगाज के बेटे अशफाक की 25 फरवरी को मुस्तफाबाद में हिंसा के दौरान गोली लगने से मौत हो गई थी. आगाज ने अपना जवान बेटा खोया है तो मुसकान ने अपना पति. मुसकान के पति जाकिर की भी मौत इसी हिंसा के दौरान गोली लगने से हुई है.

Recommended