गाना गाकर शुरू किया बजट, दुष्यंत के शेर से खत्म किया भाषण

  • 4 years ago
लखनऊ. उत्तरप्रदेश के वित्तमंत्री सुरेश खन्ना बजट पढ़ते हुए विधानसभा में बड़े सुरीले अंदाज में नजर आए। बजट की प्रस्तावना पढ़ते हुए अचानक वह रुके और सुर में एक गीत गाया। वित्तमंत्री ने गुनगुनाते हुए कहा- गैर परो से उड़ सकते हैं, हद से हद दीवारों तक, अंबर तक तो वही उड़ेंगे जिनके अपने पर होंगे। इसके बाद कानून व्यवस्था पर बोलते हुए उन्होंने एक कविता सुनाई- नफरतों की आग में जलते हुए माहौल को, इस व्यवस्था ने दिए कुछ अनौखे कायदे, एक तरफ शोर है बगावत है, माल है मुल्क है सियासत है, एक तरफ हौसले है मेहनत है, नीति है नियम है हुकूमत है। बजट खत्म करते समय वित्त मंत्री ने 5 कविताएं सुनाईं। वह बोले- बचाएंगे सजाएंगे सवारेंगे तुझे, हर मिटे नक्श को चमकाके उभारेंगे तुझे। राह इमदाद की देखे ये भले गौर नहीं, हम नरेंद्र भाई के साथी है कोई और नहीं। इसके बाद उन्होंने तीन कविताएं और सुनाईं। क्रांतिकारी कवि दुष्यंत कुमार के शेर- कौन कहता है आकाश में सुराख नहीं होता... सुनाकर उन्होंने अपना भाषण समाप्त किया।

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