इनसानियत जिंदा है insaniyat jinda hai शफीक शाह जख्मीदिल

  • 4 years ago
इस फिल्म में गरीब बेटी के शादी के बारे में दिखाया गया है जो गरीब होने के वजह से अपनी बेटी की शादी अच्छे घर मे नही कर सकता पर उसकी मुलाकात एक नेक आदमी से होती है जो उसकी बेटी के शादी के लिए पैसा देता है और वो अपने बेटी की शादी बड़ी धूम धाम से करता है
कहतें हैं कि गरीब बेटी की शादी में मददत करना भगवान के चरणों में चढाने के बराबर होता है

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