पहले मजबूरी, फिर परंपरा और अब शृंगार बना टैटू

  • 4 years ago
रायपुर . आदिवासी महिलाओं के चेहरे पर टैटू गुदवाने की परंपरा पुरानी है। यहां राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव में ओडिशा के कालाहांडी से आईं आदिवासी कलाकार ज्योति प्रभा मोहंती ने इसके बारे में विस्तार से जानकारी दी। ज्योति ने बताया कि आदिवासी समुदाय में लड़कियों को बदसूरत बनाने के लिए चेहरे पर टैटू गुदवाया जाता था, ताकि वे बदसूरत नजर आएं और सुरक्षित रहें। उन्होंने कहा कि वक्त बदला है लेकिन हालत ज्यादा नहीं बदले। ज्योति ने आदिवासियों के पहनावे और इससे जुड़ी पुरानी मान्यताओं के बारे में भी दैनिक भास्कर से बातचीत की।

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