शरणार्थियों के शहर जम्मू से ग्राउंड रिपोर्ट

  • 4 years ago
जम्मू. “जम्मू में 30 साल गुजर गए लेकिन हमने कभी खुद को बाहरी महसूस नहीं किया। यहां के लोगों ने हमें समाज का हिस्सा माना और आज हम इनसे सांस्कृतिक रूप से जुड़े हुए हैं। इन्होंने हमें बिना किसी प्रतिरोध के स्वीकारा है।” यह कहना है 1990 से कश्मीरी पंडितों के लिए आवाज उठा रहे संगठन 'पनुन कश्मीर' के नेता डॉ. अग्निशेखर का। जम्मू शहर में रहने वाले अधिकांश शरणार्थियों की राय डॉ. अग्निशेखर से मिलती है।