कब उलझने से बचना है, और कब जूझ पड़ना है? || आचार्य प्रशांत (2017)

  • 5 years ago
वीडियो जानकारी:
शब्दयोग सत्संग, अद्वैत बोध शिविर
२५ नवंबर, २०१७
कैंचीधाम, नैनीताल


प्रसंग:
कब उलझने से बचना है, और कब जूझ पड़ना है?
कब शांत रहना ज़रूरी है और कब लड़ना?
जीवन में सही निर्णय कैसे लें?

संगीत: मिलिंद दाते

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