जैसे तुम, जैसी तुम्हारी खोज, वैसा तुम्हारा गुरु || आचार्य प्रशांत, कठोपनिषद् पर (2017)

  • 4 years ago
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शब्दयोग सत्संग
१७ नवम्बर २०१७
अद्वैत बोधस्थल, नॉएडा

प्रसंग:
कैसे जाँचें कि गुरु सच्चा है या नहीं?
क्या गुरु के मन की बातें जानी जा सकती हैं?
गुरु कैसा?
गुरु का अर्थ क्या है?
सही गुरु ना मिले तो?
गुरु- शिष्य क्या हैं वास्तव में?
गुरु- शिष्य में कैसा सम्बन्ध हो?
गुरु को कैसे समर्पित करें?
गुरु के सान्निध्य में होने का क्या आशय है?
शिष्य को अनुशासित होना कितना आवश्यक है?
गुरु से शिष्य को क्या मिलता है?
संतों ने गुरु को सबसे ऊँचा दर्जा क्यों दिया है?
जैसे तुम, जैसी तुम्हारी खोज, वैसा तुम्हारा गुरु?

संगीत: मिलिंद दाते