लूट सको तो लूट लो || आचार्य प्रशांत, संत कबीर पर (2018)

  • 5 years ago
वीडियो जानकारी:

शब्दयोग सत्संग
६ अगस्त, २०१८
अद्वैत बोधस्थल, ग्रेटर नोएडा

दोहा:
राम नाम की लूट है, लूट सके तो लूट ।
अंत समय पछतायेगा, जब प्राण जायेंगे छूट ॥

प्रसंग:
राम नाम से क्या आशय है?
संत कबीर किस राम की ओर इशारा कर रहे हैं?
राम नाम का क्या महत्त्व है?
संतों ने राम के नाम को राम से बड़ा क्यों बतलाया है?
कबीर के राम और दशरथपुत्र राम में क्या अंतर है?
राम नाम सुमिरने का क्या अर्थ है?
जीवन में राम नाम का क्या महत्व है?
राम के सुमिरन का क्या अर्थ है?
राम का स्मरण क्यों आवश्यक है?
राम को भुला देने से क्या आशय है?
राम नाम लेने का अधिकार किसको?

संगीत: मिलिंद दाते