समझ गये तो मज़ा है, नासमझी एक सज़ा है || आचार्य प्रशांत, युवाओं के संग (2012)

  • 5 years ago
वीडियो जानकारी:

संवाद सत्र
५ सितम्बर २०१२
एन.आई.ई.टी

प्रसंग:
अपनी समझ में कैसे जीए?
नासमझी कैसे हटाए?
क्या जीवन में लक्ष्य रखना आवश्यक है?
जीवन आनंद में कैसे जीए?




संगीत: मिलिंद दाते