नचदी फिरां || आचार्य प्रशांत: जग क्या जाने मन के फ़साने (2018)

  • 5 years ago
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शब्दयोग सत्संग
२६ जून, २०१८
अद्वैत बोधस्थल, ग्रेटर नॉएडा

गीत: नचदी फिरा

तेरी ही बोली बोलूंगी मैं
तेरी ही बानी गाउंगी मैं
तेरे इश्क़ डा चोला पहन के
मैं तुझमें ही रंग जाउंगी

तेरे इश्क़ दा चुड़ा पहन के
मैं तुझमें ही सज जाउंगी

मैं नचदी फिरां..
बन ठन बल्लिये हो..
मैं नचदी फिरां..
ओ छम छम छलिए हूँ..

कहती है दुनिया
मैं हूँ बावरिया
सुध से गयी मैं
खुद से गयी मैं
तेरी हो गयी मैं..

पर जग क्या जाने
मन के फ़साने
खो कर खुद को
पा कर तुझ को
मेरी हो गयी मैं..

तेरी नगरिया जाउंगी मैं
तेरी नजरिया वारूँगी मैं

तेरे इश्क़ दा चोला पहन के
मैं तुझमें ही रंग जाउंगी
तेरे इश्क़ दा चूड़ा पहन के
मैं तुझे ही सज जाउंगी

मैं नचदी फिरां..
बन ठन बल्लिये हो..
मैं नचदी फिरां..
ओ छम छम छलिए हूँ..

तेरी ही बोली बोलूंगी मैं
तेरी ही बानी गाउंगी मैं
तेरे इश्क़ डा चोला पहन के
मैं तुझमें ही रंग जाउंगी

गीत: नचदी फिरा
संगीतकार: मेघना मिश्रा
फ़िल्म: सीक्रेट सुपरस्टार
बोल: कौसर मुनीर


संगीत: मिलिंद दाते