हर वक़्त ज़ेन कैसे सधे? || आचार्य प्रशांत, ज़ेन कोआन पर (2018)

  • 5 years ago
वीडियो जानकारी:


ज़ेन कोआन: हर वक़्त ज़ेन कैसे सधे?

टेनेनों नामक ज़ेन साधक ने सारी शिक्षा अब पूरी कर ली थी और अब वो शिक्षक बन गया था । एक दिन बारिश हो रही थी तो टेनेनों लकड़ी की चप्पल पहन कर और छाता ले कर आश्रम की ओर गया. और गुरु से उसकी मुलाकात हो गयी। उसके गुरु ने उससे पूछा, मेरे ख्याल से तुमने अपनी चप्पल आँगन में छोड़ी होगी, मुझे ये बताओ, छाता तुम्हारी चप्पलों की दायीं तरफ रखा है या बायीं तरफ. टेनेनों स्तब्ध रह गया, उसे यह एहसास हुआ कि वो ज़ेन को हर वक़्त नहीं संभाल रहा, फिर वो पुनः शिष्य बन गया, और छः साल उसने और साधना की, शिष्य बन कर ही, ताकि वो हर क्षण ज़ेन में रह सके।

जानें इस ज़ेन कथा का मर्म, आचार्य प्रशांत जी द्वारा इस शब्दयोग सत्संग के माध्यम से।

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प्रसंग:
क्या गुरु शिष्य का हमेशा परख करते रहते है ?
इस ज़ेन कथा का मर्म क्या है ?
शिष्य और गुरु में क्या अंतर है ?

आचार्य प्रशांत
शब्दयोग सत्संग
२५ अगस्त २०१८
अद्वैत बोध शिविर
माण्डू, मध्यप्रदेश

संगीत: मिलिंद दाते